Parenting Tips: स्कूल जाने वाले बच्चों को रात में अच्छी नींद दिलाना कई पेरेंट्स के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। पढ़ाई का बढ़ता प्रेशर, स्क्रीन टाइम और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ की वजह से, बच्चों को अक्सर रात में सोने में दिक्कत होती है। ऐसे में, सोने से पहले का एक रेगुलर रूटीन सबसे असरदार तरीका है।
इससे बच्चों को शांत रहने, रात में अच्छी नींद लेने और अगले दिन फ्रेश होकर उठने में मदद मिलती है। यह रूटीन उनके शरीर को सिग्नल देता है कि आराम करने का समय हो गया है और उन्हें अपने इमोशंस को कंट्रोल करने में मदद करता है। एक अच्छा रूटीन ऐसा होना चाहिए।
शांत एक्टिविटीज़ से शुरू करें
सोने से 30-45 मिनट पहले रूटीन शुरू करें। इस दौरान, अपने बच्चों को बहुत ज़्यादा एक्टिव खेलने से दूर रखें। इसके बजाय, शांत गेम खेलना, सुकून देने वाला म्यूज़िक सुनना या धीरे से बात करना अच्छा है। इससे उनके शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन (कोर्टिसोल) का लेवल कम होता है और दिमाग को सिग्नल मिलता है कि सोने का समय हो गया है। इस स्टेप में जल्दबाज़ी न करें, क्योंकि शांत शुरुआत रात में होने वाले झगड़ों को रोकने में मदद करेगी।
गर्म पानी से नहाना
गर्म पानी से नहाना बच्चों को फिजिकली और मेंटली रिलैक्स करने का एक शानदार तरीका है। गर्म पानी थकी हुई मसल्स को आराम देने और सोने के लिए नैचुरली उनके बॉडी टेम्परेचर को कम करने में मदद कर सकता है। लैवेंडर जैसी खुशबू (अगर आपके बच्चे को पसंद है) डालने से यह एक्सपीरियंस और भी बेहतर हो सकता है।
ब्रश करना और सफाई करना
नहाने के बाद, दांत ब्रश करना, चेहरा धोना और बालों में कंघी करना जैसे सफाई के काम इस बात का साफ सिग्नल देते हैं कि दिन खत्म हो गया है। इससे न सिर्फ बच्चों को हेल्दी आदतें सिखाई जाती हैं, बल्कि उनमें जिम्मेदारी और इंडिपेंडेंस की भावना भी पैदा होती है।
आरामदायक नाइटवियर
वे जो कपड़े पहनते हैं, उनका उनकी नींद की क्वालिटी में बड़ा रोल होता है। सॉफ्ट और हवादार नाइटवियर (पजामा) पहनने से उन्हें आराम महसूस होगा। बच्चों को अपना पजामा खुद चुनने देने से, वे खुशी-खुशी इस रूटीन में हिस्सा लेंगे।
पेरेंट्स के साथ शांत समय
लाइट बंद करने से पहले, अपने बच्चे के साथ 10-15 मिनट किसी शांत एक्टिविटी में बिताएं। यह कोई कहानी पढ़ना, दिन की खास बातें शेयर करना या धीरे-धीरे सांस लेने की एक्सरसाइज करना हो सकता है। यह पल पेरेंट्स और बच्चों के बीच के बॉन्ड को मजबूत करता है और रात की एंग्जायटी को कम करता है।
स्क्रीन बंद करें, लाइट धीमी करें
सोने से कम से कम एक घंटा पहले टीवी, टैबलेट और फ़ोन जैसी सभी स्क्रीन बंद कर देनी चाहिए। इनसे निकलने वाली नीली रोशनी नींद के लिए ज़रूरी हार्मोन 'मेलाटोनिन' बनने से रोकती है। कमरे की लाइट धीरे-धीरे धीमी करें। इससे दिमाग को सिग्नल मिलता है कि रात हो गई है।
एक जैसा सोने का समय
रोज़ एक ही समय पर सोने की आदत डालें। इससे बच्चे की अंदरूनी बॉडी क्लॉक को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। बच्चे को सुलाएं, उन्हें गले लगाएं या गुडनाइट कहें, और शांत माहौल बनाए रखें। इससे उन्हें सुरक्षा का एहसास होगा।
सफलता के लिए लगातार कोशिश करना ज़रूरी
हर दिन इस रूटीन को फ़ॉलो करना बहुत ज़रूरी है। इससे न सिर्फ़ बच्चों की नींद की क्वालिटी बेहतर होती है, बल्कि स्कूल में उनका फ़ोकस और मूड भी बेहतर होता है।



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Thu, Nov 20 , 2025, 10:40 AM