जयपुर: राजस्थान में झालावाड़ पुलिस ने 'ऑपरेशन शटरडाउन' के तहत सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले एक विशाल अंतर्राज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने गुरुवार को बताया कि यह देश में पहली बार हुआ है जब केंद्र और राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं (पीएम किसान सम्मान निधि, पेंशन, मुआवजा आदि) में इतनी बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया गया है।
कुमार ने बताया कि गिरोह का सरगना दौसा निवासी रामावतार सैनी, सरकारी पोर्टल (जैसे डीएमआईएस) की तकनीकी जानकारी का फायदा उठाकर अपात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाता था। वह सामान्य लोगों से बैंक खाते और पहचान दस्तावेज खरीदकर, सिस्टम को धोखा देकर राजकोष से लाखों की सहायता राशि उनके खातों में स्थानांतरित करवाता था। इस राशि में से 50 से 75 प्रतिशत तक कमीशन सरगना और उसके एजेंट रखते थे।
उन्होंने बताया कि झालावाड़ पुलिस को आठ अगस्त को एक गोपनीय शिकायत मिली थी कि कामखेड़ा क्षेत्र में आशिक नामक व्यक्ति द्वारा सरकारी योजना में घपला किया जा रहा है। इस पर तुरंत साइबर थाना पर शिकायत दर्ज करके इस मामले की जांच शुरू करवाई। पुलिस ने सबसे पहले संदिग्ध आशिक के मोबाइल नंबर से लिंक कई बैंक खातों और संदिग्ध ट्रांजैक्शन की गहनता से जाँच की। शुरु में ही पता चल गया कि यह एक व्यक्ति का काम नहीं है। इसके बाद इस मामले की तह में जाने पर दौसा के राजुलाल सैनी और फिर बांदीकुई के रामावतार सैनी की जानकारी मिली। रामावतार सैनी के बैंक खातों के स्टेटमेंट और डेटा के विश्लेषण से यह साबित हुआ कि वही संगठित गिरोह का सरगना है, जो पीएम किसान निधि और डीएमआईएस पोर्टल जैसे संवेदनशील सरकारी सिस्टमों की पूरी जानकारी रखता है।
कुमार ने बताया कि एक भी आरोपी के भागने या सबूत नष्ट करने की संभावना को खत्म करने के लिए, पुलिस ने 600-700 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले 35 से अधिक ठिकानों की गोपनीय पहचान की। 70 पुलिस दलों को एक ही समय पर दबिश देने के लिये तैयार किया गया, जिससे शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त हुई और गिरोह का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से तीन करोड़ बाजार मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लग्जरी वाहन और नकदी जब्त की गई। नकद राशि 52 लाख 69 हजार, संदिग्ध बैंक खाते (अनुमानित) 11,000 से अधिक और अन्य सामान बरामद किया गया।
कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियाें में रामवतार सैनी (28), राजुलाल सैनी (30), रोहिताश सैनी (22), चेतराम सैनी (21) सभी दौसा के निवासी हैं जबकि झालावाड़ जिले के 24 आरोपी हैं जिनमें परमानन्द मीणा (32), धनराज मीणा (25), महावीर कलाल (24), हरिप्रसाद पारेता (55), अंकित माली (23), कुलदीप कारपेन्टर (21), चन्द्रप्रकाश सुमन (30), बन्टी मीणा (30), सुजान लोधां (33) , सुनील कुमार साहू (27), आशिक अली (30), ललित मीणा (22), बन्टी मीणा (25), रामदयाल तंवर (29), धीरप तंवर (28), बनवारी तंवर (32), शिवनारायण तंवर (25), रामबाबू तंवर (28), मुरली रैदास (36) , राजु तंवर (28), रामबाबू तंवर (23), बिहारी लाल रैदास (32), छोटूलाल रैदास (27), बालमुकन्द रैदास (25) हैं। इसी प्रकार एक जयपुर ग्रामीण का वासुदेव पारीक और एक मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का विट्ठल तंवर हैं।



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Sat, Oct 25 , 2025, 07:51 AM