शिमला: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (Himachal Pradesh Power Corporation) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमय मौत से जुड़ी एक पेन ड्राइव के साथ छेड़छाड़ के सबूत मिल गये हैं। सीबीआई ने जांच में पाया गया कि शिमला के सदर पुलिस थाने (Sadar police station in Shimla) में जानबूझकर पेनड्राइव का डेटा मिटाया गया। अदालत को सौंपी गयी सीबीआई की जांच रिपोर्ट (CBI's investigation report) के अनुसार 21 मार्च के सीसीटीवी फुटेज में एएसआई पंकज शर्मा को सुबह 8:07 बजे से 8:20 बजे के बीच पुलिस स्टेशन के कंप्यूटर में पेन ड्राइव डालते और फाइलें खोलते हुये पाया गया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि एएसआई शर्मा ने नेगी को कथित तौर पर आत्महत्या के लिये उकसाने वालों को बचाने के लिये जानबूझकर संवेदनशील डेटा मिटाया।
बाद में 15 अप्रैल को पेनड्राइव एसआईटी द्वारा जब्त की गयी और फॉरेंसिक जांच में डेटा के नष्ट होने की पुष्टि हुयी। सीबीआई का कहना है कि इस साजिश में एक से अधिक लोग शामिल है, और एएसआई शर्मा की हिरासत के दौरान उसके फोन से मिली आपत्तिजनक जानकारियों का हवाला दिया।
एजेंसी के मुताबिक पहले एएसआई शर्मा ने दिल्ली में पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट के लिये लिखित सहमति दी थी, लेकिन कथित तौर पर जांच में देरी करने के लिये अदालत के समक्ष अपनी सहमति वापस ले ली। साथ ही सीबीआई ने नेगी के शव से सामान की बरामदगी में भी विसंगतियां उजागर कीं, जो 18 मार्च को सतलुज नदी में मिला था। मौके पर मिली नकदी और ड्राइविंग लाइसेंस तलाई पुलिस थाने को दे दी गयी, लेकिन शर्मा ने पेन ड्राइव अपने पास रख लिया, जिससे मामले को छिपाने के बारे में और सवाल उठ रहे।
एजेंसी को सदर थाने के और भी पुलिस अधिकारियों के शामिल होने का शक है, जिनमें एसएचओ और थाने का मुंशी भी शामिल है। सीबीआई का मानना है कई लोगों ने मिलकर मामले के अहम दस्तावेज नष्ट किये होंगे। उनकी गिरफ़्तारी से इस मामले में लीपापोती के पीछे के मास्टरमाइंड का खुलासा हो सकता है। जांच के दौरान राज्य पुलिस के अंदर आंतरिक संघर्ष सामने आया, जिसमें डीजीपी और शिमला एसपी द्वारा विरोधाभासी रिपोर्टें पेश की गयी।
इसी कारण उच्च न्यायालय को यह मामला सीबीआई को सौंपना पड़ा। विमल नेगी आत्महत्या मामले की जांच उच्च अधिकारियों तक पहुंचने के साथ हिमाचल प्रदेश में बड़े राजनीतिक तूफान का खतरा मंडरा रहा है। जांच अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे और भी बड़ी जानकारियां सामने आयेगी, यह घोटाला सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की छवि को धूमिल कर सकता है।
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Fri, Sep 19 , 2025, 12:47 PM