लखनऊ, 07 फ़रवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विपक्ष पर एक बार फिर करारा हमला बोला। उन्होंने अपराधियों, माफिया और दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी सरकार विकास कराएगी। बेटियों को सुरक्षा देगी। दंगा रोकेगी। दंगाइयों पर कार्रवाई करेगी। दंगाइयों के संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने का भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में मारे गए सचिन और गौरव क्या जाट नहीं थे? क्या दंगों में मारे गए सैकड़ों किसान क्या जाट नहीं थे? मुजफ्फरनगर का दंगा सपा सरकार के संरक्षण में हुआ था। कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति उन दंगों को नहीं भूल सकता है। योगी ने कहा कि भाजपा की सरकार में पिछले पांच वर्षों में कोई भी दंगा नहीं हुआ है।
-मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में चुनावी जनसभा में विपक्ष पर आक्रामक दिखे योगी
सपा-रालोद गठबंधन पर सवाल उठाते हुए योगी ने कहा कि इन लोगों ने चौधरी साहब की अंतिम इच्छा का भी पालन नहीं किया। चौधरी साहब एक बात कहा करते थे कि रमाला चीनी मिल का विस्तार होना चाहिए। उसका आधुनिकीकरण होना चाहिए। सपा और लोकदल की सरकार थी। इन लोगों ने नहीं किया। कांग्रेस की सरकार थी नहीं किया। उन्हें फुर्सत नहीं थी। जब हमें अवसर मिला तो रमाला चीनी मिल का विस्तार किया गया, नई चीनी मिल लगाई गयी। रेलवे हो या मेडिकल कॉलेज, अच्छी सड़कों का निर्माण कार्य हो या एक्सप्रेसवे, भाजपा की सरकार ने किया है, लेकिन आप सबसे पूछना चाहता हूं कि सपा और रालोद की सरकार ने क्या किया है?
योगी ने कहा कि सपा सरकार में कोई भी एक विकास का कार्य नहीं बता सकता। उनका विकास ईमानदारी के साथ अगर बताऊं तो वह एक ही जगह केवल कब्रिस्तान की चारदीवारी पर दिखाई देता है। उनके समय दंगे होते थे। उनकी सरकार में फसाद होते थे। बेटियां असुरक्षित थीं। पांच वर्ष पहले मुजफ्फरनगर की स्थिति सबके सामने थी। माताएं, बहने असुरक्षित थीं। दंगों के कारण यहां का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त था। यहां के लोगों को घर छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा था। तुष्टीकरण की नीति में कैराना से लोगों को पलायन भी करवा दिया गया था। 2013 में जब उत्तर प्रदेश में दंगा हुआ था, तब सांसद के रूप में मैने इसे संसद में उठाया था।
-योगी का सवाल, मुजफ्फरनगर दंगों में मारे गये सचिन-गौरव जाट नहीं थे क्या?
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के कारण सचिन और गौरव नाम के युवकों को बलिदान होना पड़ा था, वह इसलिए क्योंकि दोनों युवा बहन की रक्षा करने के लिए गए थे। कोई भी भाई जिसने अपनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा है, अपनी बहन की रक्षा करेगा। सचिन और गौरव जैसे वीरों ने भी यही किया था। उन्होंने अपनी बहन के साथ हुई छेड़खानी का विरोध किया था। इस पर उनकी हत्या कर दी गई थी। क्या गौरव और सचिन जाट नहीं थे? क्या दंगे में मारे गए सैकड़ों किसान जाट नहीं थे ? जयंत चौधरी का नाम लिए बगैर योगी ने कहा कि दिल्ली में बैठा लड़का देख नहीं रहा था। लखनऊ में बैठकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सारा कार्य करवा रहे थे। तब मुजफ्फरनगर इनको याद नहीं आ रहा था।
-10 मार्च के बाद दंगाइयों के गले में तख्ती होगी, थाने के सामने नाक रगड़ते दिखेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्दोष नौजवान मारे गए। किसानों पर गोलियां चलाई गई थीं। निर्दोष नागरिकों पर गोलियां चलाईं गईं तब संजीव बालियान, सुरेश राणा और विक्रम सैनी जैसे लोग उनकी लड़ाई लड़ने पहुंचे तो इन सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद कर दिया था। इनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने जनता से पूछा कि आपको दंगा कराने वाली सरकार चाहिए या दंगा रोकने वाली दमदार सरकार चाहिए। दमदार सरकार वही दे सकता जिसमें दम होगा। योगी ने कहा कि 10 मार्च के बाद अपराधी, माफिया और दंगाइयों की गर्मी ठंडी पड़ जाएगी। योगी ने कहा कि इन दंगाइयों के गले में तख्ती लटकवा कर थाने के आगे नाक रगड़वाएंगे। हम यहां की जनता से यही कहने के लिए आए हैं।



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Mon, Feb 07 , 2022, 04:33 AM