पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अपनी किडनी देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य घर छोड़ने तथा परिवार और पार्टी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सदस्यों पर लगाये गए गम्भीर आरोपों के बाद पारिवारिक विवाद आज खुलकर सामने आ गया और राजनीतिक हलकों में इसकी फुसफुसाहट बढ़ गयी।
रोहिणी ने आरोप लगाया कि परिवार में उनका अपमान किया गया, उनके साथ गाली-गलौज की गई और उन्हें धमकाया गया।अपनी किडनी दे कर अपने पिता की जान बचाने वाली रोहिणी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, "एक बेटी, बहन, विवाहित महिला और माँ होने के नाते, उन्हें अभद्र भाषा से अपमानित किया गया और किसी ने उन्हें चप्पल से मारने की भी कोशिश की।"
भावनात्मक रूप से टूट चुकी रोहिणी ने आगे लिखा कि उन्हें यह अपमान इसलिए सहना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया और जिसे उन्होंने "झूठ" बताया, उसके आगे झुकने को तैयार नहीं हुईं। रोहिणी आचार्य ने कहा कि उनके माता-पिता और बहनें उनके अपमान के कारण रो रहे थे, इसके बावजूद उन्हें अपने पैतृक घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें अपने मायके से सारे रिश्ते तोड़ने पर मजबूर किया गया और अनाथ की तरह परिवार और घर छोड़ना पड़ा। उन्होने एक भावुक अपील में लिखा कि किसी भी बेटी को वह सब कुछ नहीं सहना पड़े जो उन्होंने सहा और उम्मीद करती हैं कि कोई भी घर अपनी बेटी या बहन को उस तरह से कष्ट न सहते देखे।
रोहिणी ने अपने पोस्ट में लिखा कि "कल एक बेटी, एक बहन, एक शादीशुदा महिला, एक माँ को जलील किया गया, गंदी गालियाँ दी गयीं, मारने के लिए चप्पल उठाया गया, मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया, सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पडी ..कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए माँ बाप बहनों को छोड़ आयी, मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया.. मुझे अनाथ बना दिया गया. आप सब मेरे रास्ते कभी ना चलें, किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी - बहन पैदा ना हो। " रोहिणी ने कहा कि उन्हें कहा गया कि वह "गंदी" हैं और उन्होंने अपने पिता को "गंदी किडनी" दी है।
उन्होंने कहा कि उन पर अपने पिता को किडनी देने के बदले करोड़ों रुपये और राजनीतिक टिकट लेने का आरोप लगाया गया ।उन्होंने कहा कि विवाहित बेटियों और बहनों कोअपने पिता को बचाने की कोशिश कभी नहीं करनी चाहिए यदि उनके मायके में कोई बेटा या भाई हो।
उन्होंने कहा कि बेटियों और बहनों को अपने माता-पिता की चिंता किए बिना केवल अपने घर, परिवार, बच्चों और ससुराल वालों के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि किडनी दान करते समय उन्होंने अपने परिवार या अपने तीन बच्चों के बारे में न सोचकर बहुत बड़ी गलती की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पति या ससुराल वालों से अनुमति नहीं ली थी और सिर्फ़ अपने पिता, जिन्हें वह भगवान मानती हैं, को बचाने के लिए किडनी दान की थी।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अब उनके इस कृत्य को "गंदा" करार दिया जा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि कोई भी बेटी उनकी यह गलती कभी नहीं दोहराएगी और किसी भी घर में ऐसी बेटी न हो जिसे उनके जैसी तकलीफ़ झेलनी पड़े। इससे पूर्व रोहिणी ने कल देर रात जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए खुलासा किया कि राजद के राजनीतिक पतन पर सवाल उठाने पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनपर चप्पल उठाया गया।
रोहिणी ने यह भी कहा था, कि ‘कार्यकर्ता चाणक्य से सवाल कर रहे हैं कि पार्टी का यह हाल क्यों हुआ। उन्होंने लिखा, जब संजय, रमीज का नाम लेंगे तो घर से निकाल दिया जाएगा, बदनाम किया जाएगा और चप्पल से मारा जाएगा।
रोहिणी ने इससे पूर्व सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें कहा गया था, "मैं राजनीति छोड़ रही हूँ और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूँ। संजय यादव (राजद के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी दोस्त) और रमीज़ ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूँ।" इस बीच, अपनी बहन रोहिणी आचार्य के साथ उनके माता-पिता के घर पर हुए कथित अपमान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तेज प्रताप यादव ने कहा कि इस घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया है। अपने पिता लालू प्रसाद यादव द्वारा राजद और परिवार से निकाले जाने के बाद, अपने राजनीतिक संगठन जनशक्ति जनता दल से साझा किए गए एक पोस्ट में, उन्होंने कहा कि उनके साथ जो हुआ, वह बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन उनकी बहन का अपमान बिल्कुल अस्वीकार्य है।
तेज प्रताप ने उन लोगों को चेतावनी दी जिन्हें उन्होंने "देशद्रोही" बताया और कहा कि बिहार की जनता उनके परिवार को निशाना बनाने वाले किसी भी व्यक्ति को कभी माफ नहीं करेगी। रोहिणी में चप्पल उछाले जाने की खबरों का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि दर्द अब गुस्से में बदल गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ लोगों ने तेजस्वी यादव के फैसले को भी धूमिल कर दिया है।
तेज प्रताप ने कहा कि इस तरह के अन्याय के परिणाम गंभीर होंगे। उन्होंने अपने पिता और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जिन्हें उन्होंने अपना राजनीतिक गुरु बताया, से अपील करते हुए उन्होंने उनसे केवल एक संकेत देने का आग्रह किया और कहा कि बिहार की जनता ऐसे लोगों को खुद सबक सिखाएगी।उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह मुद्दा किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि उनके परिवार की प्रतिष्ठा, एक बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान का है।



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Mon, Nov 17 , 2025, 09:20 AM