मुंबई: पहले चरण के लोकसभा क्षेत्रों (Lok Sabha constituencies) में मोदी, योगी (Modi and Yogi) की सभाओं को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी बड़ी प्रचार सभाएं करने से बच रही है. कई विधानसभा क्षेत्रों में आवेदन भरते वक्त भी पार्टी ने कार्यकर्ताओं को जुटाने की योजना नहीं बनाई. इस बार की लोकसभा लड़ाई बीजेपी की मैदान के बजाय बूथ पर लड़ने की रणनीति है.
लोकसभा के पहले चरण में विदर्भ की पांच लोकसभा सीटों (five Lok Sabha seats of Vidarbha) पर चुनाव हो रहे हैं. इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और योगी की सभाओं के अलावा बीजेपी के बड़े नेताओं की सभाएं नहीं देखी जा रही हैं. क्योंकि सभा के लिए भीड़, परिवहन की योजना बनाने में ही पार्टी की ऊर्जा खर्च हो जाती है. इसलिए जनता तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.
इसलिए इस बार बीजेपी की नीति बड़ी बैठकों से बचकर बूथ मैनेजमेंट को मजबूत करने की है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बार लोकसभा की असली लड़ाई बूथ पर है. पार्टी ने कई लोकसभा क्षेत्रों में नामांकन पत्र दाखिल करते समय भीड़ से भी परहेज किया. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने भीड़ जुटाने में ऊर्जा खर्च करने के बजाय चौक-चौराहों पर बैठकें करने का साफ आदेश दिया है.
मेरा बूथ मजबूत है
पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने पार्टी के बूथ प्रबंधन को मजबूत और सशक्त बनाया है. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले पार्टी ने बूथ प्रमुख, पन्ना प्रमुख और शक्ति केंद्र प्रमुख की नियुक्ति की थी. पार्टी अब तक बूथ प्रमुखों की दो से तीन बैठकें कर चुकी है और सफलतापूर्वक चुनाव की तैयारी कर चुकी है. मतदाताओं का ए, बी, सी में वर्गीकरण किया गया है. इसमें 'ए' से भाजपा के पक्के उम्मीदवार को, 'बी' से उसे जिसकी भूमिका स्पष्ट नहीं है और 'सी' से प्रतिकूल मतदाता को वोट दिया जाता है. इसी सूची के अनुसार कार्यक्रमों की योजना बनाई जाती है.
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Fri, Apr 12, 2024, 10:47