नई दिल्ली. दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर घुमाने (paraded naked on the road) वाले वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य में सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा. हालात इतने बिगड़े कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इस घटना पर अपनी पीड़ा बयां की. देश के मुख्य न्यायाधीश ने भी पूरे मामले को संज्ञान में लिया. केंद्र ने ट्विटर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से वायरल वीडियो हटाने (Twitter to remove the viral video) को कहा. सरकार की मांग के जवाब में वीडियो साझा करने वाले कुछ अकाउंट्स के ट्वीट भारत में ब्लॉक (blocked in India) कर दिए गए हैं.
केंद्र ने सेक्शन-69 (A) (Section-69 (A)) के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों से वीडियो को हटाने को कहा है, जानिए क्या है सेक्शन-69 (A) और यह सरकार को कितने अधिकार देता है.
क्या है सोशल मीडिया को कंट्रोल करने वाला सेक्शन-69 (A)?
अगर केंद्र या राज्य सरकार को लगता है कि किसी कंटेंट को ब्लॉक करना जरूरी है और देश की संप्रभुता और अखंडता (sovereignty and integrity) को नुकसान पहुंचा सकता है तो वो यह फैसला ले सकती है. देश और राज्य की रक्षा के लिए यह सेक्शन सरकार को पावर देता है. कानून कहता है कि सरकार लिखित में या सीधे तौर पर ऐसी एजेंसियों या कंपनियों को निर्देश दे सकती है और ऐसे कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए कह सकती है.
कानून कहता है कि ऐसे किसी भी निर्देश को जारी करने से पहले सरकार उसे रिव्यू कमेटी के पास भेजेगी. इसके बाद उसे सोशल मीडिया कंपनी या विवादित कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म पर चलाने वाली एजेंसी के पास भेजा जाएगा. कंटेंट को ब्लॉक करने के लिए दिया जाने वाला ऑर्डर Section 69 (A) के तहत जारी किया जाता है जिसे सार्वजनिक नहीं किया जाता.
सरकार की ओर से जारी बयान में मुताबिक, वीडियो से जुड़े कुछ लिंक्स हटाए गए हैं जो सोशल मीडिया कंपनी से साझा हुए और राज्य में कानून व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो में जिस घटना का जिक्र किया गया है वो करीब ढाई माह पुरानी है. वीडियो वायरल होने के बाद मामला चर्चा में आया और बवाल मचा.
कर्नाटक में क्यों चर्चा में आया था?
पिछले साल कर्नाटक में सेक्शन 69A की चर्चा हुई थी, जब सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी. ट्विटर ने अधिकारियों को अपनी पावर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. इतना ही नहीं, ट्विटर ने धारा 69 (ए) के तहत जारी किए गए मंत्रालय के आदेशों को चुनौती दी.
आईटी मंत्रालय ने ट्विटर को पत्र लिखकर अपने आदेशों का पालन करने या सुरक्षित बंदरगाह सुरक्षा खोने की बात कही थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि केंद्र के पास ट्वीट को ब्लॉक करवाने का अधिकार है. सरकार और ट्विटर के बीच का यह मामला काफी चर्चा में रहा था.
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Fri, Jul 21 , 2023, 11:28 AM