गुवाहाटी। मसाला बोर्ड की सचिव पी. हेमलता (P. Hemalatha) ने कहा है कि मसालों के व्यापार में खाद्य सुरक्षा, निष्पक्षता और उपभोक्ताओं का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत मानक अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सुश्री हेमलता ने कहा कि मसालों का वैश्विक व्यापार, संस्कृति और पाक-कला संबंधी परंपराओं को लम्बे समय से आकार देता आ रहा है और कोडेक्स मानक वैश्विक मसाला उद्योग (Codex Standards Global Spice Industry) में पारदर्शिता, दक्षता और स्थायित्व सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह सोमवार से गुवाहाटी मेंं शुरू हुयी मसालों और पाक-कला संबंधी जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति की आठवीं बैठक को संबोधित कर रही थी।
इस सत्र में बड़ी इलायची, मीठी मरजोरम, दालचीनी और सूखे धनिये के बीजों के लिए नए मानक विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मसाला बोर्ड सचिव ने खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तीव्र प्रगति के बीच सामंजस्यपूर्ण और विज्ञान-आधारित वैश्विक मानकों की बढ़ती आवश्यकता पर बल दिया। सम्मेलन का उद्घाटन असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने किया और पूर्वोत्तर क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और कृषि विरासत का उल्लेख किया । उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन सहयोग की भावना के साथ विचार-विमर्श के माध्यम से गुणवत्ता मानकों को बढ़ाने के लिए नये रास्ते खोलेगा और एक सुरक्षित, स्थायी और सभी के लिए फायदेमंद खाद्य प्रणाली की नींव को मज़बूत करेगा।
राज्यपाल ने असम और पूर्वोत्तर की मसाला उत्पादन एवं प्रसंस्करण क्षेत्र में उभरती क्षमता का भी उल्लेख किया तथा इस बात पर ज़ोर दिया कि उन्नत प्रसंस्करण सुविधाओं, मूल्य संवर्धन और निर्यात संवर्धन पहलों से किसानों की आय में सुधार हो रहा है तथा इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिल रही है। आचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार और मसाला बोर्ड के संयुक्त प्रयासों से भारत की मसाला मूल्य श्रृंखला मजबूत हो रही है। घरेलू मानकों को वैश्विक बैंचमार्क के साथ जोड़ा जा रहा है जिससे यह देश दुनिया भर के उपभोक्ताओं के लिए खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित कर रहा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन मसाला बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मसालों और पाक-कला संबंधी जड़ी-बूटियों के लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर चर्चा करने के लिए 27 देशों के 81 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सीईओ रजित पुन्हानी ने अपने विशेष संबोधन में कहा कि 28.5 अरब डॉलर का वैश्विक मसाला उद्योग 2033 तक 41.9 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने और न्यायसंगत व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सामंजस्यपूर्ण, विज्ञान-आधारित खाद्य मानकों के महत्व पर बल दिया।
उद्घाटन समारोह में कोडेक्स मसाला और पाक-कला संबंधी जड़ी-बूटियों से संबंधित समिति के अध्यक्ष डॉ. एम.आर. सुदर्शन, मसाला बोर्ड की निदेशक (अनुसंधान) और सीसीएससीएच सचिवालय की प्रमुख डॉ. ए.बी. रेमा श्री, मसाला बोर्ड के निदेशक बी.एन. झा और धर्मेंद्र दास तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक, मसाला बोर्ड और एफएसएसएआई के अधिकारी तथा कोडेक्स सदस्य देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
भारत की पहल पर 2013 में स्थापित कोडेक्स समिति ऑन स्पाइसेस एंड क्यूलिनरी हर्ब्स, एफएओ और डब्ल्यूएचओ के कोडेक्स एलिमेंटेरियस (पोषण) आयोग के अधीन कार्य करती है। भारत, मसाला बोर्ड के माध्यम से, इसका सचिवालय संभालता है। अब तक कोडेक्स ने काली मिर्च, हल्दी, जीरा, जायफल, इलायची और केसर सहित 16 मसालों के लिए मानकों को अंतिम रूप दिया है।
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