Explained: स्वदेशी ‘सुदर्शन चक्र’ एयर डिफेंस-क्या यह आर्यन डोम का विकल्प बन सकता है?

Fri, Nov 28 , 2025, 10:53 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

इस समय दुनिया में टेंशन बढ़ रही है। कब क्या हो जाए, यह कहना नामुमकिन है। कुछ महीने पहले पाकिस्तान (Pakistan) ने कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में क्रूर आतंकवादी (Terrorist) भेजे थे। उन्होंने पहलगाम (Pahalgam) में बेगुनाह टूरिस्ट को मार डाला था। उसके बाद भारत का शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) एक तरह का छोटा युद्ध था। भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान और POK में आतंकवादी कैंप उड़ाए। पाकिस्तान ने जब जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की, तो भारत ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया जिसे वह कभी नहीं भूलेगा। भारत ने एयर स्ट्राइक (Air Strike) करके अपनी ताकत दिखाई। उसी समय एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) की अहमियत का एहसास हुआ। भारत की सीमा एक तरफ पाकिस्तान से लगती है और दूसरी तरफ चीन से। दोनों देशों का भारत के प्रति रोल दुनिया को पता है। ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत के पास S-400 जैसा एयर डिफेंस सिस्टम था। इसकी वजह से पाकिस्तान के हवाई हमले सफल नहीं हो पाए।

लेकिन उस अनुभव ने यह साफ कर दिया कि देश को और भी मजबूत, ज़्यादा मज़बूत एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense System) की ज़रूरत है। इसीलिए भारत अब चीन और पाकिस्तान दोनों का एक साथ सामना करने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। इंडियन एयर फ़ोर्स (Indian Air Force) ने रक्षा मंत्रालय को रूस से S-400 ट्रायम्फ एयर डिफ़ेंस सिस्टम के 5 और स्क्वाड्रन खरीदने का प्रस्ताव दिया है। भारत इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। भारत स्वदेशी एयर डिफ़ेंस सिस्टम 'मिशन सुदर्शन चक्र' पर भी काम कर रहा है। स्वदेशी एयर डिफ़ेंस सिस्टम बनाने की मुहिम अब आकार ले रही है।

मिशन सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (Prime Minister Narendra Modi on Independence Day) पर पूरे देश को एयर डिफ़ेंस कवर देने के लिए मिशन सुदर्शन चक्र प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की थी। यह सिस्टम कैसा दिखेगा? यह कैसे काम करेगा? तस्वीर काफी साफ़ हो गई है। 'सुदर्शन चक्र' के आने के बाद, आर्यन डोम और THAAD जैसे एयर डिफ़ेंस सिस्टम भी इसके मुकाबले छोटे लगेंगे। मिशन सुदर्शन चक्र के बारे में अब तक जो डिटेल्स सामने आई हैं, उनके मुताबिक, ज़मीन से आसमान और समुद्र तक एक ऐसा सुरक्षा कवच तैयार किया जाएगा जिसे कोई नहीं भेद सकता।

आत्मनिर्भर बनने की दिशा में उठाए गए कदम

डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम हजारों किलोमीटर दूर से न सिर्फ हवाई खतरों का पता लगाएंगे, बल्कि उन्हें खत्म भी कर पाएंगे। भारत ने अपनी डिफेंस क्षमताओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। मिशन सुदर्शन चक्र के तहत ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम बनाया जा रहा है जो जमीन, आसमान और स्पेस तीनों जगहों से होने वाले हमलों का पता लगाकर उन्हें खत्म कर देगा। सुदर्शन चक्र भगवान कृष्ण का हथियार था।

यह सिस्टम ढाल भी है और तलवार भी

इसी तरह यह एयर डिफेंस सिस्टम एक ही समय में हमला करने और देश की सुरक्षा दोनों का काम करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के मुताबिक, यह सिस्टम ढाल भी है और तलवार भी। यह सुरक्षा कवच बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल, ड्रोन, हाइपरसोनिक हथियार और दुश्मन के फाइटर जेट को खत्म कर देगा। ‘इंडिया डिफेंस रिसर्च विंग’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिशन की कुल लागत ₹130000 से ₹170000 के बीच होने का अनुमान है।

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