हिमाचल प्रदेश टीसीपी ने निर्माण मानदंडों में नये बदलावों को किया अधिसूचित

Sat, Nov 08 , 2025, 01:09 PM

Source : Uni India

शिमला : हिमाचल प्रदेश नगर (Himachal Pradesh Town) एवं ग्राम नियोजन विभाग (Country Planning Department) ने 16वें संशोधन नियम (16th Amendment Rules), 2025 के अंतर्गत राज्य नगर एवं ग्राम नियोजन नियम, 2014 में संशोधन मसौदे को अधिसूचित किया है, जिसमें भूखंड आकार, फ्लोर एरिया अनुपात, सेटबैक और भवन की ऊंचाई से संबंधित निर्माण मानदंडों में बड़े बदलाव किये गये हैं। तीन नवंबर, 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित मसौदा अधिसूचना में प्रकाशन की तारीख से 30 दिनों के भीतर जनता की आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, आवासीय भवनों की अधिकतम ऊंचाई 21 मीटर निर्धारित की गयी है, जबकि बहु-स्तरीय पार्किंग संरचनाओं की ऊंचाई 25 मीटर तक हो सकती है। वाणिज्यिक एवं पर्यटन भवनों की ऊंचाई अब समीपवर्ती सड़क की चौड़ाई पर निर्भर करेगी और पांच मीटर चौड़ी सड़कों पर 21 मीटर ऊंचाई तक की इमारतों की अनुमति होगी।

संशोधित भवन मानदंडों में, सेटबैक दूरी, भवन और उसके भूखंड की सीमा के बीच न्यूनतम स्थान को आवासीय, वाणिज्यिक, पर्यटन और सार्वजनिक उपयोगिता श्रेणियों में युक्तिसंगत बनाया गया है। 150-250 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले अलग-अलग आवासीय मकानों के लिए, न्यूनतम सेटबैक आगे की ओर दो मीटर और बगल एवं पीछे की ओर 1.5 मीटर निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार, एक ओर से जुड़े हुए और पंक्तिबद्ध मकानों में भी आगे और पीछे की ओर एकसमान सेटबैक होगा जिससे आवासीय क्षेत्रों में एकरूपता सुनिश्चित होगी।

वाणिज्यिक भवनों के लिए विभाग ने कुल निर्मित क्षेत्र के आधार पर, सामने की ओर दो से तीन मीटर तथा बगल एवं पीछे की ओर एक से दो मीटर के सेटबैक का प्रस्ताव दिया है। नये मानदंड पर्यटन इकाइयों, सिनेप्लेक्स और मल्टीप्लेक्स पर भी लागू होते हैं और बड़े भूखंडों के लिए बड़े सेटबैक क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं। उदाहरण के लिए, 4,000 वर्ग मीटर से बड़े मल्टीप्लेक्स के लिए सामने की ओर 15 मीटर और चारों ओर नौ मीटर की दूरी बनाये रखना अनिवार्य है। संशोधन में पार्किंग स्थान को भी बढ़ाया गया है, 4,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक या पर्यटन परिसरों को अब निर्मित क्षेत्र में 100 वर्ग मीटर की तीन कार पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने की आवश्यकता होगी।

इसके अलावा मसौदा सभी निर्माणों के लिए अनिवार्य स्वामित्व प्रमाणपत्र प्रस्तुत करता है तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी), अधिभोग और पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। अधिसूचना के अनुसार, सभी सुझाव या आपत्तियां प्रकाशन तिथि से 30 दिनों के भीतर मुख्य सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार, शिमला को लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। राज्य सरकार संशोधित नियमों को अंतिम रूप देने से पहले सभी प्रस्तुतियों की समीक्षा करेगी जिसका उद्देश्य पूरे राज्य में व्यवस्थित शहरी विकास एवं सतत विकास सुनिश्चित करना है।

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