Pickles: कई लोग रोज़ाना प्याज, नींबू या अचार खाते हैं। कुछ लोगों को अचार इतना पसंद होता है कि वे इसे खाने के साथ खाते हैं, या कभी-कभी अगर उन्हें सब्ज़ियाँ पसंद नहीं होतीं, तो वे इसके साथ चपाती (chapatis) या चावल खाते हैं। खाना कितना भी सादा क्यों न हो, अगर साथ में खट्टा-तीखा अचार न हो, तो खाना अधूरा सा लगता है। अचार न सिर्फ़ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि उसे तीखा भी बनाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही अचार कभी-कभी शरीर के लिए ज़हर जैसा भी हो सकता है। जी हाँ, यह स्वादिष्ट अचार आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है।
अचार खाने से हो सकता है ज़हर
एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ(health expert) के अनुसार, गलत तरीके से रखे गए अचार खाने से ज़हर हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अचार को ठीक से संरक्षित न किया जाए, तो उसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं और गंभीर बीमारियाँ भी पैदा कर सकते हैं। इसलिए, हमने कभी नहीं सोचा था कि हम जो अचार रोज़ खाते हैं, वह इतना खतरनाक हो सकता है। लेकिन अगर हम इसे नज़रअंदाज़ करते हैं, तो यह वास्तव में ज़हर का कारण बन सकता है। अगर अचार को ठीक से संरक्षित न किया जाए, तो उसमें 'बोटुलिज़्म' नामक बैक्टीरिया पनपता है। यह बैक्टीरिया विषाक्त पदार्थ पैदा करता है, जो शरीर में प्रवेश करने पर लकवा जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, अचार बनाते और संग्रहीत करते समय कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। आइए जानें कि वे क्या हैं।
अचार संग्रहीत करते समय इन बातों का ध्यान रखें
हमेशा साफ़ जार का इस्तेमाल करें: अचार संग्रहीत करते समय साफ़ और स्टरलाइज़ किए हुए कांच के जार का इस्तेमाल करें। कांच के जार सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि प्लास्टिक में रासायनिक जोखिम होता है और धातु के बर्तनों में प्रतिक्रिया होने की संभावना होती है। इसलिए कांच का जार एक अच्छा विकल्प है। लेकिन इस्तेमाल करने से पहले जार को गर्म पानी से धोकर पूरी तरह सूखने दें। ऐसा करने से बैक्टीरिया या फंगस के पनपने का खतरा कम हो जाता है।
अचार में तेल और सिरका: अचार में तेल और सिरका (सिरका) प्राकृतिक संरक्षक होते हैं। लेकिन अगर इनकी मात्रा कम हो, तो अचार में बैक्टीरिया पनपते हैं। हमेशा जांच लें कि तेल का स्तर ऊपर बना रहे। अगर ऊपरी हिस्सा सूखा रहता है, तो फंगस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अचार पर नियमित रूप से नज़र रखें और ज़रूरत पड़ने पर उसमें और तेल या सिरका डालें।
ये लक्षण दिखें तो अचार तुरंत फेंक दें: जलारोचका भारतीय व्यंजनों की एक स्वादिष्ट परंपरा है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। इसलिए अगली बार जब आप घर पर अचार बनाएँ या बाज़ार से लाएँ, तो तीन बातों का हमेशा ध्यान रखें: साफ़-सफ़ाई, सही भंडारण और उचित मात्रा में तेल-सिरका का इस्तेमाल।



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Sun, Nov 02 , 2025, 09:46 PM