बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन विधायक भूपेश बघेल (Patan MLA Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका (bail plea of Chaitanya Baghel) पर बुधवार को उच्च न्यायालय (High Court) में सुनवाई हुई। इस मामले की न्यायमुर्ति अरविंद वर्मा की एकल पीठ में सुनवाई हुई, जिसमें बचाव पक्ष की ओर से हर्षवर्धन परगनिया और हर्षित शर्मा ने अपना पक्ष रखा। गौरतलब है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) और ईकोनॉमिक ऑफेंस विंग की कार्रवाई के बाद चैतन्य बघेल न्यायिक रिमांड पर जेल में हैं। विशेष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था।
बुधवार को उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने जमानत के पक्ष में दलीलें दीं, जबकि एसीबी की ओर से सरकारी वकीलों ने जमानत का विरोध किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित नहीं रखा और अगली सुनवाई की तिथि भी निश्चित नहीं की। इस बीच, पूरे मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है वहीं सरकार का कहना है कि एसीबी-ईओडब्ल्यू कानून के अंतर्गत कार्रवाई कर रही है। अब सबकी निगाहें उच्च न्यायालय के अगले निर्णय पर टिकी हैं।
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Thu, Oct 16 , 2025, 01:03 PM