काहिरा। इजराइल और हमास के बीच गाजा पट्टी में शांति के लिए आयोजित शर्म-अल-शेख शिखर सम्मलेन में सोमवार को में 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) शामिल हैं। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन की सह-अध्यक्षता मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) करेंगे। भारत को भी इस सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन क्षेत्र में शांति के लिए ट्रंप के दृष्टिकोण और वैश्विक संघर्षों को समाप्त करने के उनके निरंतर प्रयासों के अनुरूप है। इसका उद्देश्य गाजा युद्ध को समाप्त करना, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय सहयोग एवं सुरक्षा का एक नया अध्याय शुरू करना है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने कार्यालय द्वारा भेजे गए एक संक्षिप्त नोट में इसमें भाग लेने की पुष्टि की है। सम्मेलन में अरब, मुस्लिम, एशियाई और यूरोपीय देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। मिस्र के विदेश मंत्रालय ने बताया कि शिखर सम्मेलन में गाजा में युद्ध समाप्त करने संबंधी एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। कई यूरोपीय नेताओं ने सोमवार को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मिस्र आने की पुष्टि की है, जिनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल हैं। अल कहेरा न्यूज के अनुसार इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा (Antonio Costa) भी उपस्थित रहेंगे।
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन को भी आमंत्रित किया गया है और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। इस शिखर सम्मेलन को 'शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन-गाजा में युद्ध की समाप्ति के लिए समझौता' नाम दिया गया है। ब्रिटेन सरकार का कहना है कि इस शिखर सम्मेलन में गाजा शांति योजना पर एक 'हस्ताक्षर समारोह' भी शामिल होगा, जो 'दो साल के संघर्ष और रक्तपात के बाद इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक मोड़' होगा।
यह शिखर सम्मेलन हाल के दिनों में शर्म अल-शेख में गहन परोक्ष वार्ता के बाद इजराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम और कैदियों की अदला-बदली के समझौते के बाद हो रहा है, जिससे दो साल से चल रहा युद्ध रुक गया है जिसमें 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
मिस्र, कतर और तुर्की ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर की भागीदारी के साथ इस वार्ता की मध्यस्थता की, जिससे युद्धविराम और गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त हुआ। यह समझौता गाजा के लिए ट्रम्प की शांति योजना के पहले चरण का प्रतीक है, जो युद्धोत्तर शासन और पुनर्निर्माण प्रयासों की नींव रखता है। इजराइली रिपोर्टों के अनुसार समझौते की शर्तों के तहत इजराइली सेना ने गाजा के अंदर एक हद तक अपनी वापसी पूरी कर ली है। अगले तीन दिनों में हमास को अभी भी बंद सभी 48 कैदियों को रिहा करना होगा, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने का अनुमान है। उम्मीद है कि इजरायल और हमास ट्रम्प की योजना के अगले चरणों पर चर्चा जारी रखेंगे, जिसमें हमास निरस्त्रीकरण, युद्धोत्तर प्रशासन और नए संघर्ष को रोकने के लिए सुरक्षा गारंटी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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