Health Tips: बदलते मौसम में बच्चों को फ्लू और खांसी (flu and cough) जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं। छोटे बच्चे बदलते मौसम से तुरंत प्रभावित होते हैं। ऐसे समय में, अक्सर छोटे बच्चों को खांसी के लिए कफ सिरप दिया जाता है। लेकिन वर्तमान में इसने सभी अभिभावकों के मन में डर पैदा कर दिया है। हालाँकि, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप(cough syrup) से छोटे बच्चों की मौतों ने सभी अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। इसी के चलते अब केंद्र सरकार ने कुछ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
उत्तराखंड के औषधि नियंत्रक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित बच्चों के कफ सिरप में डेक्सट्रोमेथॉर्फन, फिनाइलेफ्राइन, हाइड्रोक्लोराइड और इनसे बना मिश्रण शामिल है। इस उम्र से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए दो साल या उससे कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने और चार साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देते समय सावधानी बरतने के दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। अन्य राज्यों में कफ सिरप से बच्चों की मौतों ने लोगों में आक्रोश पैदा किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम (Health Department team) राज्य भर के मेडिकल स्टोर, दवा के थोक विक्रेताओं और अस्पताल की दवा दुकानों का निरीक्षण कर रही है।
आखिर गलती कहाँ हुई?
लेकिन यह समझना भी ज़रूरी है कि कफ सिरप देते समय आखिर गलती कहाँ हुई। क्योंकि इतने सालों से कफ सिरप बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी पीते आए हैं, तो फिर ऐसी गलती कहाँ हुई कि इतने बच्चों की जान चली गई। आइए जानते हैं। बच्चों को कफ सिरप देने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
किन बातों का ध्यान रखना चाहिए!
विशेषज्ञों के अनुसार, कफ सिरप में डेक्सट्रोमेथॉर्फन जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देने चाहिए। कफ सिरप बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बच्चों के दिल और किडनी पर असर डालती है। इसलिए, 5 साल से कम उम्र के बच्चों को ऐसे सिरप नहीं देने चाहिए। हालाँकि, ऐसा देखा गया है कि या तो सही डॉक्टर न मिलने पर ऐसे प्रभाव दिखाई देते हैं या बच्चे जल्दी ठीक होने के लिए खुद ही केमिस्ट से खरीद लेते हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।
वरना, क्या ये अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं?
इसलिए, छोटे बच्चों को किसी योग्य चिकित्सक या बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही दवा दें। इसी तरह, अगर बहुत छोटे बच्चे को बहुत ज़्यादा केमिकल वाला सिरप दे दिया जाए, तो उसे लेने के बाद उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। किडनी में क्रिस्टल बन जाते हैं, जिससे किडनी फेल हो सकती है। साथ ही, गलत सिरप देने से ब्रेन डैमेज भी हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है। खांसी दो तरह की होती है, सूखी खांसी और गीली खांसी। दोनों की अलग-अलग दवाइयाँ और इलाज हैं। इसलिए, खुद से सिरप देने की बजाय, पहले सही डॉक्टर चुनें और अपने बच्चों की जाँच करवाएँ और उसके बाद ही दवा या सिरप दें। इस तरह, कोई खतरा नहीं रहेगा।
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Tue, Oct 07 , 2025, 09:29 PM