Mumbai High Court on GR : मराठा समुदाय को बड़ी राहत; मुंबई उच्च न्यायालय ने मराठा-कुनबी आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाने से किया इनकार

Tue, Oct 07 , 2025, 03:28 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Maratha-Kunbi reservation: मराठा-कुनबी आरक्षण संबंधी जीआर (GR regarding Maratha-Kunbi reservation) के खिलाफ याचिकाओं में राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) ने जीआर पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने 2 सितंबर, 2025 के अध्यादेश पर अंतरिम रोक (interim stay) लगाने से इनकार कर दिया। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण प्रदान करने संबंधी अध्यादेश के विरोध और समर्थन में उच्च न्यायालय में याचिकाएँ दायर की गई थीं। आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को तत्काल राहत मिली।

2 सितंबर के अध्यादेश से मराठों को ओबीसी कोटे का लाभ मिलेगा। इससे ओबीसी कोटे (OBC quota) में मौजूदा आरक्षण कम हो जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग को काफी नुकसान होगा। इस बीच, सरकार के इस अध्यादेश के कारण राज्य में अब तक 7 लोगों ने आत्महत्या कर ली है और याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की मांग की जा रही थी। कुछ समय पहले कुछ याचिकाओं में तकनीकी त्रुटियों को सुधारने का निर्देश देने के बाद, उच्च न्यायालय ने आज जीआर पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।

2 सितंबर, 2025 का जीआर क्या है?
मुंबई में मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद, राज्य सरकार ने 2 सितंबर, 2025 को मराठा-कुनबी आरक्षण अध्यादेश (जीआर) जारी किया। इसके अनुसार, हैदराबाद गजेटियर की प्रविष्टियों के आधार पर मराठवाड़ा में मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया तय की गई। इसके लिए जिला स्तर पर समितियाँ गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मराठा बंधुओं से कुनबी प्रमाण पत्र (Kunbi certificates) के लिए आवेदन भी स्वीकार किए जा रहे हैं। इस बीच, अजीतदादा ने मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर कुछ मराठा बंधुओं को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए थे। आवेदन और दस्तावेजों की जाँच किए बिना कुनबी प्रमाण पत्र जारी न करने की चेतावनी दी गई है। वहीं, सतारा गजेटियर, औंध और कोल्हापुर गजेटियर भी स्वीकार किए जाएँगे। इसके आधार पर कुनबी प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

लेकिन ओबीसी नेता और संगठन दावा कर रहे हैं कि इससे कुनबी आरक्षण खतरे में पड़ गया है। उन्होंने इसके खिलाफ राज्य सरकार और अदालत में अपील करने की मांग की है। मंत्री छगन भुजबल, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार समेत कुनबी संगठनों ने इस जीआर का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने मांग की है कि इस जीआर को रद्द किया जाए। 4 अक्टूबर को मुंबई में मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में ओबीसी नेताओं ने इस जीआर पर अपनी नाराजगी और गुस्सा जताया। इस बीच, ओबीसी नेता बबनराव तायवाड़े ने दावा किया है कि इस जीआर का ओबीसी आरक्षण पर कोई असर नहीं पड़ता। आज हुई सुनवाई में राज्य सरकार को राहत मिली है।

 

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