Health Tips: हम सभी जानते हैं कि पानी पीना हमारे शरीर के लिए कितना ज़रूरी है। पर्याप्त पानी पीने से न सिर्फ़ शरीर हाइड्रेटेड (body hydrated) रहता है, बल्कि शरीर के दूसरे अंग भी ठीक से काम करते रहते हैं। रोज़मर्रा की ज़िंदगी में लोग अपनी ज़रूरत और आदतों के हिसाब से पानी पीते हैं। लेकिन पानी पीते समय कुछ आसान नियम हैं जिनका पालन करना ज़रूरी है। जैसा कि हम अक्सर सुनते आए हैं, कभी भी खड़े होकर पानी न पिएँ। हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे पानी पिएँ।
कहा जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों पर सीधा असर पड़ता है। खड़े होकर पानी पीना घुटनों के लिए हानिकारक माना जाता है। आइए इसके पीछे की सच्चाई जानें और यह भी देखें कि खड़े होकर पानी पीने के क्या नुकसान हैं।
एक आहार विशेषज्ञ की सलाह
सोशल मीडिया पर मशहूर आहार विशेषज्ञ जूही अरोड़ा ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इस बारे में बताया है। जूही ने कहा है कि खड़े होकर पानी पीने से घुटनों को नुकसान पहुँचने या दूसरे जोड़ों पर असर पड़ने की बात एक मिथक है। दरअसल, खड़े होकर पानी पीने से पानी सीधे ग्रासनली से पेट में जाता है। इसलिए इसका खड़े होकर या बैठकर पानी पीने से कोई सीधा संबंध नहीं है। हालाँकि कुछ लोगों को जल्दबाजी में खड़े होकर पानी पीने पर अपच या बेचैनी हो सकती है। लेकिन इसका घुटनों से कोई लेना-देना नहीं है। जूही भी सामान्य तौर पर रोज़ाना 2 से 3 लीटर पानी पीने की सलाह देती हैं।
खड़े होकर पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक है
खड़े होकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आयुर्वेद के अनुसार, इससे शरीर में पानी का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता। जिससे पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है। हालाँकि, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि इसका घुटनों पर सीधा असर पड़ता है।
खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
पाचन क्रिया प्रभावित होती है: खड़े होकर पानी पीने से पानी ग्रासनली से पेट में तेज़ी से जाता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बाधित होती है, जिससे अपच या गैस की समस्या हो सकती है।
जोड़ों के दर्द के कारण: जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह नसों पर दबाव डालता है, जिससे द्रव संतुलन बिगड़ जाता है। इससे समय के साथ जोड़ों में द्रव जमा हो सकता है, जिससे भविष्य में जोड़ों में दर्द हो सकता है।
अवशोषण की कमी: जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन लिवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुँच पाते।
गुर्दों पर प्रभाव: जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो वह बिना फ़िल्टर हुए सीधे पेट में चला जाता है। इससे पानी में मौजूद अशुद्धियाँ मूत्राशय में जमा हो जाती हैं, जिससे गुर्दे की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और मूत्रमार्ग में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह गुर्दे के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
तंत्रिका तनाव और द्रव असंतुलन: ऐसा भी कहा जाता है कि खड़े होकर पानी पीने से शरीर में द्रव संतुलन बिगड़ जाता है और नसों पर दबाव पड़ता है।
इसलिए इस तरह खड़े होकर पानी पीने से शरीर पर निश्चित रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पानी हमेशा बैठकर, आराम से, छोटे घूंटों में और धीरे-धीरे पीना चाहिए। जल्दबाजी में, खड़े होकर या चलते हुए पानी न पिएँ।
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Sun, Oct 05 , 2025, 08:01 PM