Best 4 Saving Schemes: कर नियोजन (Tax planning) कामकाजी पुरुषों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि कामकाजी महिलाओं (working women) के लिए। वित्तीय वर्ष के अंतिम ढाई महीने शेष रहने के साथ ही कर बचत की योजना (planning tax savings) बनाने में तेजी आ गई है। आइए जानें कि कामकाजी महिलाओं के लिए टैक्स बचाने के कौन से विकल्प अच्छे हो सकते हैं।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (National Savings Certificate)
कामकाजी महिलाएं डाकघर की इस छोटी बचत योजना में निवेश कर सकती हैं। इस योजना में निवेश करने पर आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 80सी के तहत कर लाभ मिलता है। यह एक निश्चित आय योजना है। इसमें आप न्यूनतम एक हजार रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं। फिलहाल इस योजना पर ब्याज दर 7.7 प्रतिशत है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में की गई बचत पर कर कटौती का दावा किया जा सकता है। इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है।
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
यह योजना कामकाजी महिलाओं के लिए कर बचत के लिए भी अच्छी है। सरकार समर्थित यह योजना विशेष रूप से लड़कियों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत माता-पिता अपनी बेटी के लिए बचत कर सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना EEE कर श्रेणी के अंतर्गत आती है। इसका मतलब यह है कि निवेश, आय या निकासी पर कोई कर नहीं है। यदि आपकी बेटी है तो यह योजना निश्चित रूप से लाभकारी है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(11ए) के तहत कर राहत प्रदान की जाती है और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में किया गया निवेश धारा 80सी के तहत कटौती के लिए पात्र है। इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये है। फिलहाल इस योजना पर ब्याज दर 8.20 प्रतिशत है।
बीमा पॉलिसी (Insurance Policy)
महिलाएं अपनी जीवन बीमा पॉलिसियों के साथ-साथ अपने पति/पत्नी और बच्चों की जीवन बीमा पॉलिसियों पर भी कर लाभ प्राप्त कर सकती हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80यू के अंतर्गत कटौती सामान्य व्यक्ति के लिए बीमा राशि के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती तथा कुछ बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए यह कटौती 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। बीमा एक सुरक्षात्मक उपाय है और एक स्मार्ट कर बचत उपकरण भी है। 25,000 रुपये तक के बीमा प्रीमियम कर योग्य आय से कर कटौती के लिए पात्र हैं। वरिष्ठ नागरिक माता-पिता के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 30,000 रुपये तक की अतिरिक्त कटौती का दावा किया जा सकता है। इससे अधिक कर बचाने में मदद मिलती है।
पीपीएफ (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक अच्छा विकल्प है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत कर कटौती उपलब्ध है। इसकी लॉक-इन अवधि 15 वर्ष की है। प्रति वर्ष न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। वर्तमान में ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रति वर्ष है। यह दीर्घकालिक निवेश, अच्छे रिटर्न और कर बचत के लिए एक अच्छा विकल्प है।
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Sat, Jan 18 , 2025, 01:05 PM