Syria Civil War EXPLAINER :  सीरिया में 50 साल बाद तख्तापलट! 12 दिन में उखाड़ फेंका असद की सत्ता? आखिर कौन है वो? 

Mon, Dec 09, 2024, 03:22

Source : Hamara Mahanagar Desk

Coup of the government in Syria : सीरिया में बशर अल-असद (Bashar al-Assad) के परिवार का 50 साल का शासन आखिरकार उखाड़ फेंका गया। परिणामस्वरूप, असद को रूस के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा। ये रूस के लिए भी सबसे बड़ा झटका है. एचटीएस (HTS) ने वह कैसे कर दिखाया जो कोई भी विद्रोही नहीं कर सका, यह कौन है और आगे क्या है? ऐसे सवाल कई लोगों ने पूछे हैं. हम उन सभी का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं.

12 दिन में तख्तापलट
सीरिया में सरकार का तख्तापलट (Coup of the government) करने वाले विद्रोही संगठन (rebel organization) को एचटीएस या हयात तहरीर अल-शाम कहा जाता है. ठीक 12 दिन पहले इस संगठन के विद्रोहियों ने सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह (armed rebellion) शुरू किया और महज दो दिन में सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स पर कब्जा कर लिया.

शुरुआत में तो सरकार को भी इस संस्था को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. अचानक हमले तेज़ करने के बाद एचटीएस ने 11 दिन में सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद बशर अल-असद और उनके परिवार को अपना महल छोड़कर भागना पड़ा.

असद कहाँ है?
बशर अल-असद ने रूस से संपर्क किया और चेतावनी दी कि उस पर हमला किया जाएगा और वह रूस के लिए रवाना हो गया. इसके बाद रूस ने भी औपचारिक तौर पर घोषणा कर दी कि उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है. इसके बाद देश में हंगामा मच गया. विद्रोही सड़कों पर उतर आये. राजधानी और अन्य शहरों की जेलों में कैद सरकार विरोधी विद्रोहियों को रिहा कर दिया गया. इन सभी घटनाक्रमों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नोटिस किया गया.

रूस की क्या भूमिका है?
रूस वर्षों से सीरिया का करीबी सहयोगी रहा है. बदले में सीरिया ने अपने देश में रूसी अड्डे बनाये। कई जगहों पर रूस को सैन्य उद्देश्यों के लिए 49 साल के अनुबंध के आधार पर ज़मीनें दी गईं. इससे पहले सीरिया में कई विद्रोही संगठनों ने असद की सत्ता को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी. उस समय रूस सीरिया के पक्ष में था. जब आतंकी संगठन आईएसआईएस ने सरकार विरोधी हमले किए तो रूस ने हवाई हमले कर आईएसआईएस को खदेड़ दिया। इसलिए, सीरिया में संकट के बाद, रूस सबसे पहले असद की सुरक्षा के लिए अपना हाथ बढ़ाया था. सीरिया के मुद्दे पर अब रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई है. इसमें रूस की भावी भूमिका तय होगी.

सीरिया के दोस्त कौन हैं?
रूस बशर अल-असद और सीरिया का सबसे बड़ा समर्थक है. इसके अलावा ईरान सीरिया के पक्ष में है. ईरान ने उम्मीद जताई कि तख्तापलट के बाद भी सीरिया के साथ उसके मैत्रीपूर्ण संबंध बने रहेंगे. फिर भी ईरान ने यह रुख अपनाया है कि विद्रोहियों के साथ उनके अपने देशों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा.

अमेरिका ने क्या कहा?
हालाँकि यह सीरिया के नागरिकों के लिए एक बड़ा अवसर है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस देश के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की है. इसके अलावा अमेरिका का मानना ​​है कि इस विद्रोही समूह की सफलता के बाद सीरिया में इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठन पनपेंगे. अमेरिका के साथ-साथ तुर्की ने भी यह भावना व्यक्त की है कि सीरिया में स्थिरता के लिए प्रयास किये जाने चाहिए.

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