कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 20 मई को पांचवें चरण (fifth phase) में शून्य रक्तपात के साथ 77 प्रतिशत से अधिक मतदान के बाद शनिवार को महत्वपूर्ण छठे और अंतिम चरण के मतदान को लेकर राजनीतिक पार्टियों (political parties) में खासा उत्साह है। राज्य में अंतिम चरण में आठ लोकसभा क्षेत्रों (Lok Sabha constituencies) तमलुक, कांथी, घाटल, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा और बिष्णुपुर में मतदान होगा। इस चुनाव में पांच जिलों के 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता 79 उम्मीदवारों में से आठ भाग्यशाली विजेताओं को चुनेंगे।
आधिकारिक सूत्रों (Official sources) ने कहा कि लगभग 15,600 मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए लगभग 145,34,228 मतदाताओं को पंजीकृत किया गया है जिनमें से 71,70,822 महिलाएं हैं। केंद्रीय सशस्त्र बलों (Central Armed Forces) की लगभग 1000 कंपनियों की निरंतर निगरानी में इस चरण के 79 उम्मीदवारों में से अधिकांश स्वतंत्र उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है।
चुनाव आयोग (EC) ने मार्च के मध्य में मतदान कार्यक्रम की घोषणा करते हुए दोहराया कि इस बार चुनाव आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि पिछले पांच चरणों में 19 अप्रैल के बाद से केंद्रीय बलों की मौजूदगी में मतदान संबंधी हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। अभी तक न तो ईवीएम लूट की सूचना मिली है और न ही पोलिंग बूथ के अंदर किसी मारपीट की।
बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों में पहले चरण के दौरान पांच लोग मारे गए और दाे मई के नतीजों के तुरंत बाद यह संख्या बढ़ गई। वहीं 2023 में पंचायत चुनावों के दौरान भी खून-खराबा हुआ और इन घटनाओं ने चुनाव आयोग को राज्य में आम चुनावों के लिए अतिरिक्त सतर्क कर दिया। तृणमूल और भाजपा सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि वाम मोर्चा-कांग्रेस भी आठ क्षेत्रों में चुनाव लड़ रही है जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पांच में, फॉरवर्ड ब्लॉक एक में और कांग्रेस दो में गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। सूत्रों ने बताया कि मुकाबला एक बार फिर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल और नरेंद्र मोदी-परिवार के उम्मीदवारों के बीच है।
तमलुक, कांथी, घाटल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा और बिष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र युद्ध के मैदान जैसे काम करते हैं जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार जीत के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी होती है। दलों का लक्ष्य राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में अपनी पकड़ सुरक्षित करना है क्योंकि 2026 में राज्य विधानसभा चुनाव भी हैं।
तमलुक में लड़ाई तृणमूल के नए उम्मीदवार देबांशु भट्टाचार्य और भाजपा के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अभिजीत गंगोपाध्याय एवं माकपा के सायन बनर्जी के बीच है। कांथी में जो पूर्व मेदिनीपुर में है, में तृणमूल के उत्तम बारिक, भाजपा से सौमेंदु अधिकारी जो विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के सबसे छोटे भाई हैं और कांग्रेस से उर्वषी भट्टाचार्य मैदान में एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं। यह सीट अधिकारी के पिता सिसिर अधिकारी के पास थी, जो 2019 में तृणमूल के टिकट पर जीते थे, लेकिन 2020 में श्री अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद पूरे परिवार की निष्ठा भगवा ब्रिगेड में बदल गई।
घाटल में टॉलीवुड के सुपर स्टार देव उर्फ मौजूदा सांसद दीपक अधिकारी अपने स्टूडियो में पेशेवर मित्र भाजपा के हिरण्मय चट्टोपाध्याय के खिलाफ फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से पापिया चक्रवर्ती भी जीत के लिए एड़ी चोटी एक कर रही हैं। कभी माओवादी प्रभाव वाले झारग्राम में तृणमूल के कालीपद सोरेन, भाजपा से चिकित्सक प्रणत टुडू और माकपा से सोनामोनी मुर्मू (टुडू) चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2019 में यह सीट भाजपा के कुमार हेम्ब्रम के पास थी लेकिन उन्होंने अचानक राजनीति छोड़ दी।
मेदिनीपुर सीट पर बंगाली अभिनेत्री जून मालिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा के अग्निमित्र पॉल के खिलाफ चुनाव लड़ रही है , जो पिछले पांच वर्षों से फैशन डिजाइनर से पूर्णकालिक राजनेता बने हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिप्लब भट्टा भी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पुरुलिया भी माओवादियों का गढ़ रहा है, जहां तृणमूल के शांतिराम महतो का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो से है। कांग्रेस के दिग्गज नेता नेपाल महतो भी मैदान में हैं।
पड़ोसी बांकुरा में जहां पानी की गंभीर समस्या है, तृणमूल के अरूप चक्रवर्ती मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. सुभाष सरकार के खिलाफ मैदान में हैं। माकपा के नीलांजन दासगुप्ता भी दावेदारों में से एक हैं। बांकुरा के ही बिष्णुपुर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां तृणमूल की सुजाता खान (मंडल) का मुकाबला अपने अलग हो चुके पति और भाजपा के मौजूदा सांसद सौमित्र खान से है। माकपा के शीतल कैबर्त्य भी चुनाव मैदान में हैं।
इस बीच चुनाव आयोग ने मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के बंगाल तट की ओर बढ़ने के मद्देनजर जिला प्रशासनों को मतदान केंद्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं रखने के लिए सतर्क किया है। आयोग ने तटीय जिला प्राधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का भी निर्देश दिया है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. आरिफ आफताब ने बुधवार को संबंधित जिलाें के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ चुनाव को लेकर उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की।



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