पटना। बिहार में वर्ष 2019 में हुये लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में छह पर जीत हासिल करने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) का ‘बंगला (Bangla)’ वर्ष 2009 में हुये चुनाव में धराशायी हो गया था और उसकी पार्टी शून्य पर आउट हो गयी। वर्ष 2009 में हुये लोकसभा चुनाव में लोजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (RJD) के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। सीटों में तालमेल के तहत राजद ने 28 और उसकी सहयोगी लोजपा ने 12 सीट पर चुनाव लड़ा। राजग गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाईटेड (JDU) शामिल थी। जदयू ने 25 और भाजपा ने 15 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे। कांग्रेस ने अपने दम पर चुनाव लड़ा था।
राजग गठबंधन में 40 सीट में से 32 सीट अपने नाम कर ली। जदयू ने 20 और भाजपा ने 12 सीट पर जीत हासिल की।राजद ने 04 , कांग्रेस ने दो, लोजपा ने शून्य, पर जीत हासिल की। इस चुनाव में दो निर्दलीय उम्मीदवार के सिर जीत का सेहरा सजा। बांका से दिग्विजय सिंह और सीवान से ओमप्रकाश यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्गज नेता राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा का वर्ष 2000 में गठन के बाद इस चुनाव में सबसे निराशाजनक प्रदर्शन रहा।
इससे पूर्व वर्ष 2004 में हुये लोकसभा चुनाव में (राजग)में जदयू और भाजपा शामिल थी। जदयू ने 24 और भाजपा ने 16 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे। जदयू को 06 जबकि भाजपा को पांच सीट पर जीत मिली। वहीं, राजग के विरुद्ध राजद, कांग्रेस, लोजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वामदल के दो अन्य दल भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अपने दम पर चुनाव लड़ा।
इस चुनाव में राजद ने 26, लोजपा ने 08, कांग्रेस ने 04, राकांपा ने 01और भाकपा माले ने एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे। राजद को 22, लोजपा को 04 और कांग्रेस को तीन सीट पर जीत मिली। राकांपा और माकपा के प्रत्याशी को किसी सीट पर जीत हासिल नहीं हुयी। लोजपा के गठन के बाद बिहार में लोजपा का यह पहला चुनाव था, जहां उसने 04 सीट अपने नाम की।
वर्ष 2005 में बिहार मे दो विधानसभा के चुनाव हुये। पहला फरवरी 2005 में और दूसरा अक्टूबर 2005 में। 2005 में फरवरी में हुए चुनाव में लोजपा ने 178 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 29 सीटे पर जीतीं। यही लोजपा का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है।इस चुनाव में कोई भी गठबंधन बहुमत हासिल नहीं कर सका और कोई भी दल सरकार बनाने में सफल नहीं रहा तब नवम्बर 2005 में फिर से विधानसभा का चुनाव कराया गया। लोजपा ने 203 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से वह सिर्फ 10 सीटें ही जीत सकी।बिहार से तब राजद के 15 वर्षों के शासन काल की विदाई हो गई थी। नीतीश कुमार दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2010 का बिहार विधान सभा चुनाव लोजपा ने राजद के साथ मिलकर लड़ा था। राजद ने 168 जबकि लोजपा ने 75 सीट पर चुनाव लड़ा। राजद को 22 सीट मिली जबकि लोजपा केवल तीन सीटें जीत पायी।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सियासी समीकरण बदल गये। लोजपा ने राजद का साथ छोड़कर राजग से नाता जोड़ लिया। वहीं जदयू ने (राजग) से नाता तोड़ लिया और अलग होकर अकेले लड़ा था। राजग के घटक दल में (भाजपा), (लोजपा) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) शामिल थी। भाजपा ने 30 सीट पर चुनाव लड़ा, जिनमें से उसे 22, लोजपा ने 07 में से 06 सीट और रालोसपा ने तीनों सीट जीत कर शत-प्रतिशत सफलता पायी थी।
श्री राम विलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान जमुई सीट से पहली बार चुनाव लड़कर सांसद बनें। राजग को इस चुनाव में 31 सीट मिली। विपक्षी पार्टी (राजद) ने कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ तालमेल कर चुनाव लड़ा था। राजद ने 27,कांग्रेस ने 12,और राकांपा ने एक सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। राजद ने 04,कांग्रेस ने 02 सीट, राकांपा ने एक सीट पर सफलता हासिल की थी। इस चुनाव में जदयू ने 40 में से 38 सीट पर चुनाव लड़ा। जदयू केवल दो सीट पर विजयी रही। इनमें एक सीट नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा की थी और दूसरी पूर्णिया थी। वहीं, इस चुनाव में जदयू की सहयोगी रही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने दो सीट बांका और बेगूसराय से चुनाव लड़ा और उसे भी हार मिली। 2015 का विधानसभा चुनाव लोजपा ने राजग के साथ मिलकर लड़ा। लोजपा को दो सीट पर जीत मिली। वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव में लोजपा फिर से राजग के साथ थी।जदयू भी राजग गठबंधन में वापस आ गयी।इस चुनाव में भाजपा ने 17, जदयू ने 17 और लोजपा ने 06 प्रत्याशी उतारे। भाजपा और लोजपा ने सभी सीट पर जीत हासिल की जबकि जदयू ने 16 सीट पर जीत हासिल की। राजग ने 40 में से 39 सीट पर कब्जा कर लिया। लोजपा के टिकट पर जमुई (सु) से चिराग पासवान, हाजीपुर (सु) से पशुपति कुमार पारस, वैशाली से वीणा देवी, खगड़िया से चौधरी महबूब अली कैसर, नवादा से चंदन सिंह, समस्तीपुर से राम विलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान ने जीता था।इस तरह लोजपा ने सभी छह सीटों पर जीत हासिल की थी। रामचंद्र पासवान के निधन के हुये उपचुनाव में राम चंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज ने जीत हासिल की थी। प्रिंस राम ने कांग्रेस प्रत्याशी ने डा. अशोक कुमार को पराजित किया था।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के घटक दल में राजद, कांग्रेस, रालोसपा वीआईपी और हम शामिल थी।राजद को 20, कांग्रेस को 09, उपेन्द्र कुश्वाहा की पार्टी (रालोसपा) को पांच, मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को तीन और जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को तीन सीट मिली थी। राजद ने अपने कोटे से एक सीट आरा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) को दी थी।
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Sat, Apr 06 , 2024, 12:14 PM