पटना, 31 मार्च (वार्ता)। बिहार (bihar) में आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडी गठबंधन) के घटक कांग्रेस लंबे अरसे के बाद चार सीट पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और महाराजगंज पर अपना दम दिखाने के लिये बेताब है।
बिहार लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इंडी गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। सीटों में तालमेल के तहत कांग्रेस नौ, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 26, और वाम दल पांच सीटों पर चुनाव लडेंगे। कांग्रेस किशनगंज, कटिहार, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर (सु), सासाराम (सु), पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और महाराजगंज सीट से चुनाव लड़ेगी। वहीं, राजद औरंगाबाद, गया (सु), जमुई (सु), नवादा, सारण, पाटलिपुत्र, बक्सर, उजियारपुर, जहानाबाद, दरभंगा, बांका, अररिया, मुंगेर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, मधुबनी, सीवान, वाल्मिकी नगर, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, सुपौल, मधेपुरा, गोपालगंज (सु), वैशाली हाजीपुर (सु) और शिवहर सीट से चुनाव लड़ेगा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) आरा, काराकाट और नालंदा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) बेगूसराय और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) खगड़िया सीट से चुनाव लड़ेगी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन के घटक दल के रूप में चुनाव लड़ा था। महागठबंधन में सीटों में तालमेल के तहत कांग्रेस को नौ, राजद को 20, उपेन्द्र कुश्वाहा की पार्टी ( राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को पांच, मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को तीन और जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को तीन सीट मिली थी। राजद ने अपने कोटे से एक सीट आरा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) को दी थी।
वर्ष 2019 में कांग्रेस ने किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, समस्तीपुर (सु), सासाराम (सु), मुंगेर, पटना साहिब, वाल्मिकी नगर और सुपौल से चुनाव लड़ा।लोकसभा की 40 में से 39 सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी को अभूतपूर्व विजय मिली। वहीं, एक मात्र सीट किशनगंज के कांग्रेस प्रत्याशी डा. मोहम्मद जावेद विजयी बनें। इस बार के चुनाव में सीटों को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच पिछले कई दिनों से तनातनी चल रही थी। कांग्रेस बिहार में पूर्णिया सहित नौ सीटों की मांग कर रही थी। राजद ने सीटों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस का सम्मान रखा। कांग्रेस को वर्ष 2019 की तरह इस बार के चुनाव में नौ सीटें मिली है। पूर्णिया लोकसभा सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में सहमति नहीं बन पाई। राजद ने हाल ही में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) छोड़कर राजद में आयी विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया है। पूर्णिया सीट की आशा में ही पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कराया था। पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात भी की थी। पप्पू यादव अब पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं। पप्पू यादव ने कहा है कि उनका सपना बिहार की सभी 40 लोकसभा सीट पर कांग्रेस का झंडा बुलंद करना है और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना है। पूर्णिया सीट कांग्रेस की थी, है और रहेगी। उन्हें पूर्णिया की जनता का आशीर्वाद है। पूर्णिया की जनता ने ही उनके हाथों में कांग्रेस का झंडा थमाया है । इसलिए, कोई भी कांग्रेस के झंडा से उन्हें न अलग कर सकता है और न ही वह उससे अलग होंगे।मेरे चुनाव लड़ने का फैसला कांग्रेस नेतृत्व को लेना है। कांग्रेस नेतृत्व के निर्णय के बाद मैं 04 अप्रैल को पूर्णिया से अपना नामांकन दाखिल करूंगा। हर परिस्थिति में पूर्णिया में कांग्रेस की जीत होगी। कांग्रेस का झंडा ही पूर्णिया में रहेगा।सीमांचल की जनता कांग्रेस के झंडा से प्यार करती है और सीमांचल में कांग्रेस के झंडा को स्थापित करना मेरा पहला कर्तव्य है।
इस बार के चुनाव में कांग्रेस को वर्ष 2019 की नौ सीटों में से पूर्णिया के अलावा वाल्मीकिनगर, मुंगेर और सुपौल सीट छोड़नी पड़ी है। इसके बदले कांग्रेस को पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और महाराजगंज सीट मिली है। वहीं पांच अन्य सीट किशनगंज,कटिहार, सासाराम (सु), पटना साहिब और समस्तीपुर (सु) पर इस बार भी कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। पूर्णिया के अलावा वाल्मीकिनगर, मुंगेर और सुपौल सीट भी राजद ने अपने पास रख ली है। पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और महाराजगंज पर कांग्रेस लंबे अरसे के बाद चुनावी मैदान में उतरेगी।
महात्मा गांधी के सत्याग्रह की जन्मभूमि पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में अस्तितत्व में आयी। लोकसभा चुनाव 2009 में पहली बार इस सीट पर सांसद का चुनाव किया गया था। तब से भारतीय जनता पार्टी के डॉ संजय जायसवाल ने लगातार तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल की है।वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम चंपारण सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी डा. संजय जायसवाल ने महागठबंधन के उम्मीदवार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) उम्मीदवार ब्रजेश कुमार कुश्वाहा को पराजित किया था।कांग्रेस अंतिम बार इस सीट से वर्ष 2009 में लड़ी थी। अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव कांग्रेस के प्रत्याशी थे, जो चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। बॉलीवुड फिल्मकार जदयू प्रत्याशी प्रकाश झा इस चुनाव में उप विजेता थे जबकि भाजपा के डा. संजय जायसवाल विजयी बने थे।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय जय नारायण प्रसाद निषाद के पुत्र भाजपा प्रत्याशी अजय निषाद ने महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के उम्मीदवार राज भूषण निषाद को पराजित किया था। हाल ही में वीआईपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुये राज भूषण निषाद इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी बनाये गये हैं। इस सीट पर पहली बार वर्ष 1957 में हुये लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्याम सुंदर सहाय विजयी बने थे। कांग्रेस को यहां आखिरी जीत 1984 में ललितेश्वर प्रसाद शाही ने दिलाई थी। 2014 में पूर्व सांसद डा. अखिलेश प्रसाद सिंह कांग्रेस प्रत्याशी थे, जो अभी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह इस चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे।
इसी तरह लोकसभा चुनाव 2019 में भागलपुर सीट पर राजग में शामिल जदयू प्रत्याशी अजय कुमार मंडल राजद उम्मीदवार शैलेश कुमार मंडल उर्फ बुलो मंडल को पराजित किया।इस सीट पर पहली बार वर्ष 1957 में हुये लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनारसी प्रसाद झुनझुनवाला ने जीत हासिल की थी।कांग्रेस में यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद की हुआ करती थी। भागवत झा आजाद ने इस सीट पर वर्ष 1967, 1971, 1980 और वर्ष 1984 में जीत हासिल की थी। इस संसदीय क्षेत्र में वह कांग्रेस की आखिरी जीत थी। कांग्रेस ने यहां अंतिम बार 2009 में चुनाव लड़ा था। कांग्रेस प्रत्याशी और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह चौथे स्थान पर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी वर्ष 2004 में इस सीट पर भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता है।
वर्ष 2019 में महाराजगंज सीट पर भाजपा प्रत्याशी जर्नादन सिंह सिग्रीवाल ने राजद उम्मीदवार पूर्व बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर कुमार सिंह को पराजित किया। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लड़े राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साले पूर्व सांसद अनिरूद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव तीसरे नंबर पर रहे।इस सीट पर पहली बार वर्ष 1957 में हुये लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेन्द्र नाथ सिंह ने जीत हासिल की थी।1984 में यहां कृष्ण प्रताप सिंह ने कांग्रेस को आखिरी जीत दिलाई थी। 2009 में कांग्रेस अंतिम बार इस सीट पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी तारकेश्वर सिंह इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर यहां से 1989 में जनता दल के टिकट पर रिकार्ड मतों से चुनाव जीते थे। महाराजगंज सीट से चार बार प्रभुनाथ सिंह सांसद रहे हैं।
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Sun, Mar 31 , 2024, 12:29 PM