lok sabha election 2024 : भाजपा राजे-राजवाड़ों के लिए पसंदीदा पार्टी बन गई है. इस क्रम में इस लोकसभा चुनाव में 12 ऐसे राजघरानों (royal families) के वंशज हैं जिन्हें बीजेपी से लोकसभा का टिकट मिला है या मिलने वाले हैं. इनमें से 5 तो बिलकुल पहली बार चुनाव लड़ाए जा रहे हैं जबकि 7 राज परिवार से उम्मीदवार बनाए गए लोग पहले से राजनीति में हैं. लोकसभा चुनाव के लिए जारी बीजेपी की दूसरी सूची में कर्नाटक के मैसूर के राजा से लेकर त्रिपुरा राजघराने की महारानी तक नाम इस बात का द्योतक है कि कैसे रॉयल परिवारों के वारिस बीजेपी की टिकट के लिए कतार लगाए खड़े हैं. वैसे देश की राजनीति में राजघरानों का दबदबा कोई नई बात नहीं है लेकिन उनकी पार्टी का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि सत्ता में कौन है और कौन उन्हें इज्जत के साथ महत्वपूर्ण पद प्रदान करता है. कल तक कांग्रेस या दूसरे अन्य राजनीतिक दलों को पसंद करने वाले राजे रजवाड़े बदली परिस्थिति में टिकट के लिए बीजेपी में कतार लगाए खड़े हैं.
चुनाव में मैसूर शाही परिवार के वंशज
सबसे पहले बात करते हैं मैसूर राजघराने की. 13 मार्च को जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची में मैसूर लोकसभा सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार की घोषणा ने सबको चौंका दिया. पार्टी ने मैसूर से अपने सीटिंग सांसद प्रताप सीम्हा का टिकट काटकर मैसूर शाही परिवार (Mysore royal family) के वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार को मैदान में उतारा. यदुवीर से पहले उनके दादा श्रीकांतदत्त नरसिम्हराजा वाडियार 1999 तक मैसूर से चार बार कांग्रेस सांसद रहे. 2004 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी थी.
कीर्ति सिंह देव वर्मा को भी मैदान में उतारा
अपने दूसरी सूची में बीजेपी ने त्रिपुरा पूर्व लोकसभा सीट से अपने सीटिंग सांसद रेवती त्रिपुरा (Revathi Tripura) का टिकट काट कर कीर्ति सिंह देव वर्मा को मैदान में उतारा है. कीर्ति सिंह देव वर्मा त्रिपुरा के पूर्व माणिक्य शाही परिवार की राजकुमारी हैं. वह टिपरा मोथा पार्टी के नेता प्रद्योत देव वर्मा की बड़ी बहन हैं. टिपरा मोथा पार्टी हाल ही में एनडीए गठबंधन में शामिल हुई है और अब त्रिपुरा राज्य सरकार का हिस्सा है. इस क्रम में तीसरा नाम मालविका केशरी देव का है. ओडिशा में बीजेपी ने मालविका केशरी देव को मैदान में उतारा है. मालविका बीजेडी के पूर्व सांसद अरका केशरी देव की पत्नी और कालाहांडी के शाही परिवार की सदस्य हैं. यह जोड़ी 2023 में बीजेपी में शामिल हो गई.
राजसमंद से महिमा कुमारी विश्वराज सिंह मेवाड़
राजघरानों के चौथे उम्मीदवार के तौर पर राजसमंद लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने महिमा कुमारी विश्वराज सिंह मेवाड़ को मैदान में उतारा है. महिमा कुमार मेवाड़ के शाही परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह की पत्नी हैं. विश्वराज सिंह इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए और नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने. अब पार्टी ने उनकी पत्नी को राजपूत बहुल राजसमंद सीट से टिकट दिया है.
राजशाही परिवार के पांचवें उम्मीदवार के तौर पर बंगाल में राजमाता अमृता रॉय को देख सकते हैं. बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से राजमाता अमृता रॉय को तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ मैदान में उतारा है. रॉय कृष्णानगर के शाही परिवार की ताल्लुकात रखती हैं और इलाके में उन्हें उन्हें राजमाता कहा जाता है.
राजशाही परिवारों के इन पांच पहली बार चुनाव लड़ने वालों के अलावा कुछ ऐसे भी उम्मीदवार हैं जो पहले से चुनावी राजनीति में हैं और इस बार बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें सतारा, पटियाला, ग्वालियर, बोलांगीर और झालावाड़ राजघराने के वंशज शामिल हैं.
महाराजा, महारानी की और भी हैं लिस्ट
सतारा से छत्रपति शिवाजी के वंशज और मौजूदा बीजेपी राज्यसभा सांसद उदयनराजे भोसले इस बार बीजेपी के टिकट पर महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में हैं. उदयन भोसले ने 2019 में एनसीपी के टिकट पर सीट जीती थी. बाद में उन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया और उपचुनाव हार गए। उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया.
वहीं पटियाला से पूर्व कांग्रेस सांसद परनीत कौर भाजपा में शामिल हो गई हैं. परनीत कौर पटियाला शाही परिवार और राजा कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं. केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले से ही बीजेपी में राज्यसभा सांसद और केंद्र में मंत्री हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार बीजेपी के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
ओडिशा में भाजपा ने बोलांगीर से मौजूदा सांसद संगीता कुमारी सिंह देव को इस बार भी टिकट दिया गया है,जो पटनागढ़-बोलंगीर शाही परिवार की सदस्य हैं. झालावाड़-बारां से तीन बार सांसद और बीजेपी नेता दुष्यंत सिंह एक बार फिर पार्टी से मैदान में हैं. सिंह धौलपुर शाही परिवार के सदस्य हैं.
शहडोल राजघराने की हिमाद्रि सिंह
इस सूची में छत्तीसगढ़ के शहडोल राजघराने की हिमाद्रि सिंह का नाम भी शामिल है. हिमाद्रि सिंह 2019 में भी बीजेपी की टिकट पर जीत कर आई थीं. उत्तराखंड के टेहरी राजघराने की महारानी लक्ष्मी शाह का नाम भी शामिल है. टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से महारानी माला राजलक्ष्मी शाह को पिछली बार भी टिकट दिया गया था और वो जीत कर आई थीं.
2019 में बीजेपी से लोकसभा टिकट पाए राजघराने के नेताओं पर नजर डालें तो ज्यादातर ट्रेडिनल रूप से पार्टी से जुड़े नेता ही शामिल थे. इसमें कुल 6 राजघराने के वारिस बीजेपी के टिकट पर चुनाव लडे थे. इसमें झालावाड़ से दुष्यंत सिंह, बोलांगीर से संगीता सिंह देव, शहडोल से हिमाद्रि सिंह, मणिपुर राजकुमार रंजन सिंह, टेहरी गढ़वाल से माला राजलक्ष्मी शाह, जयपुर घराने की दिया कुमारी का नाम शामिल था. इन 6 में 4 इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि राजकुमारी दीया राजस्थान में उप मुख्यमंत्री बन चुकी हैं और मणिपुर इनर से जीते और केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री रहे राजकुमार रंजन सिंह को टिकट नहीं दिया गया है.
राजघराने से राज्यसभा में पहुंचे नेता
सिर्फ लोकसभा ही नहीं बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा में भी करीब 3 राजघराने से ताल्लुकात रखने वाले नेता पहले से मौजूद हैं. हालांकि इनकी कुल संख्या पांच थी लेकिन इसमें से 2 का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो चुका है. इनमें से कुछ अपना दल बदलकर बीजेपी में शामिल हुए हैं तो कुछ पहली बार सांसद बने हैं. वर्तमान में बीजेपी की राज्यसभा टीम में तीन महाराजा हैं. इस सूची में ग्वालियर के महाराजा, ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा, मणिपुर के राजा लीशेम्बा सनाजाओबा का नाम दर्ज है. जहां सिंधिया परिवार का बीजेपी और जनसंघ के साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है वहीं सनाजाओबा को राजनीति का कोई पूर्व अनुभव नहीं है और वह बीजेपी के अनुरोध पर सीधे उच्च सदन में पहुंचे थे.
राजघराने से ताल्लुक रखने वाले तीसरा नाम शिवाजी महाराज के बंशज उदयन राजे भोसले का है जिन्हें बीजेपी ने महाराष्ट्र से राज्यसभा भेजा था. इसके अलावा बीजेपी ने राज परिवार से ताल्लुक रखने वाले 2 अन्य लोगों को भी राज्यसभा भेजा था जिनका टर्म अब खत्म हो गया है. जून 2016 में बीजेपी ने अपने राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में डूंगरपुर राजघराने के हर्षवर्धन सिंह के नाम की घोषणा की थी. वे प्रसिद्ध क्रिकेट प्रशासक राज सिंह डूंगरपुर के भतीजे हैं. बीजेपी ने कोल्हापुर में शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे को उम्मीदवार बनाया था. तब मराठा आंदोलन के चेहरा बने संभाजी पहली बार राज्यसभा सदस्य बने थे.
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Sat, Mar 30 , 2024, 05:34 AM