Maharashtra Politics: मराठवाड़ा के बाद अब बीजेपी (BJP) ने अपना मोर्चा पश्चिम महाराष्ट्र की ओर मोड़ दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) के कारण मराठवाड़ा में भाजपा की ताकत बढ़ी है.अब बीजेपी ने पश्चिमी महाराष्ट्र में भी अपनी ताकत बढ़ाने के लिए राजनीतिक गतिविधियां (political activities) शुरू कर दी हैं. माना जा रहा है कि पश्चिमी महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) पार्टी के एक बड़े नेता (शरद पवार) को पार्टी में लाने के लिए जोरदार हलचल शुरू हो गई है. राजनीतिक गलियारे (political circles) में चर्चा है कि पश्चिमी महाराष्ट्र में शरद पवार (Sharad Pawar) के भरोसेमंद नेता जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) से पहले बीजेपी ने कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) पार्टी को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई है. अगर लोकसभा की 42 से ज्यादा सीटें जीतनी हैं तो यह तभी संभव माना जा रहा है जब कांग्रेस और एनसीपी (Congress and NCP) से अहम और ताकतवर नेताओं को लाया जाए.
मराठवाड़ा के बाद अब पश्चिम महाराष्ट्र पर फोकस
अशोक चव्हाण के पार्टी में आने से मराठवाड़ा में बीजेपी की ताकत बढ़ गई है. तीन निर्वाचन क्षेत्रों नांदेड़, परभणी और हिंगोली को फायदा होगा. मराठवाड़ा के बाद बीजेपी ने अपना रुख पश्चिमी महाराष्ट्र की ओर कर दिया है. पश्चिमी महाराष्ट्र शुरू से ही कांग्रेस और एनसीपी का गढ़ रहा है. यहां शरद पवार की ताकत सबसे ज्यादा है. लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी ने इस इलाके में अच्छी पैठ तो बनाई, लेकिन उन्हें अपेक्षित पकड़ नहीं मिल पाई. इसीलिए बीजेपी अब पश्चिमी महाराष्ट्र पर फोकस कर रही है. माना जा रहा है कि शरद पवार के विश्वस्त नेता पर गाज गिरी है. माना जा रहा है कि शरद पवार के साथ रहने वाले पश्चिमी महाराष्ट्र के दिग्गज नेता को अपने पाले में करने की चालें चलनी शुरू हो गई हैं.
कौन सा नेता जाएगा बीजेपी में?
एनसीपी में विभाजन के बाद वह नेता शरद पवार के साथ खड़े हो गये. बीजेपी का समीकरण है कि अगर शरद पवार के साथ रहने वाले इस नेता को पार्टी में लाया जाता है तो सांगली, सतारा और कोल्हापुर तीन जिलों में उसकी ताकत बढ़ जाएगी. नेता के पास अच्छा प्रशासनिक अनुभव भी है, उन्होंने कैबिनेट में महत्वपूर्ण लेखा-जोखा संभाला है. यह बात भी सामने आई है कि शरद पवार के साथ रहने वाले इस नेता की दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हुई थी.
अगर एनसीपी के इस नेता को बीजेपी में लाया जाता है तो पश्चिमी महाराष्ट्र की ताकत बढ़ जाएगी. उस नेता के बेटे को लोकसभा के लिए नामांकित किया जा सकता है. या फिर उसी नेता को लोकसभा के मैदान में लाना चाहिए? समझा जा रहा है कि चर्चा चल रही है. जब एनसीपी कांग्रेस अभेद्य थी, तब उस नेता की अजित पवार से दोस्ती नहीं थी, लेकिन शरद पवार के विश्वासपात्र होने के कारण वह एनसीपी कांग्रेस में महत्वपूर्ण थे. अब बीजेपी शरद पवार के भरोसेमंद नेता को पार्टी में लेकर एक और झटका देने की तैयारी में है.
जयन्त पाटिल ने समझाया
प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के वरिष्ठ नेता शरद चंद्र पवार (Sharad Chandra Pawar) को लेकर आ रही खबरें महज अफवाह हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी शरद चंद्र पवार एक एकजुट पार्टी है और सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला अगले दो-तीन दिनों में पूरा हो जाएगा. पाटिल ने सत्तारूढ़ समूह की आलोचना करते हुए कहा कि वे केवल लोकसभा चुनाव के संबंध में विपक्ष को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं.
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Mon, Feb 19 , 2024, 11:45 AM