0 पार्टी और सिंबल जाने का छलका दर्द
0 सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद
महानगर संवाददाता\
मुंबई। राकांपा पार्टी (NCP Party) और चुनाव चिन्ह छिन जाने पर वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने सवाल उठाते हुए कहा कि लोग पार्टी छोड़कर चले जाते हैं, और नए लोग आ जाते हैं, ये बातें होती रहती हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि जिसने पार्टी बनाई है, उससे ही पार्टी छीन कर दूसरे को दे दी गई। केवल पार्टी ही नहीं दी, चुनाव चिन्ह भी दे दिया गया। यह फैसला कानून के अनुरूप नहीं है, इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और वहां से हमें न्याय मिलने की उम्मीद है। बता दें कि राकांपा विधायकों के अयोग्यता मामले की सुनवाई पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) को असली राकांपा की मान्यता दी थी।
शनिवार को बारामती में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि किसी को लगता है कि चुनाव चिन्ह छीनने से संगठन का अस्तित्व खत्म हो जाएगा, तो ऐसा नहीं है। मैंने अब तक 14 चुनाव लड़े, जिनमें से पांच अलग-अलग चुनाव चिन्ह पर लड़े थे। सामान्य लोगों से संपर्क कर उन्हें बताना चाहिए कि हमारा नया सिंबल क्या है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें यकीन था कि विधानसभा अध्यक्ष ऐसा ही फैसला लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पद की प्रतिष्ठा की गरिमा का ख्याल नहीं रखा और उनसे कोई उम्मीद भी नहीं थी। उन्होंने अपना फैसला पहले ही ले लिया था। शिवसेना को लेकर जो निर्णय सुनाया गया, वही दोहराया गया। विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय हमें न्याय देने वाला नहीं है। यह पद का दुरुपयोग कैसे किया जाता है, यह देश के सामने उदाहरण पेश करने वाला फैसला है। हमने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हम अदालत से अनुरोध करेंगे कि चुनाव नजदीक आने वाले हैं, इसलिए जल्दी फैसला सुनाया जाए।
अजित पवार की सहानुभूति पाने की कोशिश
शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने बारामती में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कहा था कि चुनाव के वक्त आपसे भावनात्मक अपील की जाएगी, लेकिन आप बहकावे में मत आना। इस पर शरद पवार ने कहा कि हमारी तरफ से कोई भावनात्मक अपील नहीं की जाएगी। बारामती के लोग हमें वर्षों से जानते हैं, इसलिए हमें भावनात्मक अपील करने की जरूरत महसूस नहीं होती, हालांकि विपक्ष के भाषण करने का तरीका कुछ अलग की संकेत देता है। उन्होंने कहा कि चुनाव में मतदाताओं से समर्थन मांगना उम्मीदवार का अधिकार है, लेकिन परिवार के सभी लोग एक तरफ और मैं अकेला रह गया हूं, ऐसी भावनात्मक बात कहना एक तरफ से सहानुभूति पाने की कोशिश है।
धमकाया जा रहा है कार्यकर्ताओं को
उन्होंने कहा कि कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि उन्हें फोन पर धमकाया जाता है। ये सभी बातें पहले बारामती विधानसभा में पहले कभी नहीं देखी गई। ये सभी बातें पहली बार देखने को मिल रही है। शरद पवार ने विधायक जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी के विचार रखने का अधिकार है। उन्होंने कोई अलग भूमिका नहीं ली है।
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Sat, Feb 17 , 2024, 07:41 AM