Festival of Bakrid: अल्लाह को याद कर भावुक हुए फारूक अब्दुल्ला, UCC पर बोले- कहीं कोई तूफान न आ जाए!

Thu, Jun 29 , 2023, 12:26 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) गुरुवार को ईद-उल-अजहा (Bakrid)) के मौके पर मीडिया से बातचीत के दौरान कुर्बानी की रस्म का जिक्र करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने सभी को बकरीद के त्योहार (festival of Bakrid) की शुभकामनाएं दीं. इस दिन के बारे में जिक्र करते हुए उनका गला भर आया. उन्होंने कहा, ‘सबको मुबारक! ये वो दिन है जबकि अल्लाह का हुक्म आया, हजरत इब्राहीम अलैहि सलाम (Hazrat Ibrahim Alaihi Salaam) को कि तुम्हारी जो सबसे प्यारी चीज है, उसको मेरे नाम पर कुर्बान कर दो. उसने सोचा कि मेरे लिए मेरा बेटा सबसे कीमती है. मैं उससे सबसे ज्यादा मोहब्बत करता हूं.’
फारूक अब्दुल्ला ने रुंधे गले से आगे कहा, ‘इब्राहीम अलैहि सलाम अपने बेटे को ले गए अल्लाह के नाम पे और उससे कहा, इस्माइल…अल्लाह का हुक्म आया है. बेटे ने कहा, जो अल्लाह का हुक्म है उसे पूरा करो. इब्राहीम उस जगह पर पहुंचे जहां उन्हें अपने बेटे इस्माइल को अल्लाह के नाम पर जबा करना था. वहां, अल्लाह का हुक्म आया कि बस इब्राहीम तुम कामयाब हो गए, जाओ कोई जानवर लाओ…आज वो दिन है जब अल्लाह के नाम पर हम कुर्बानी देते हैं. अल्लाह हमारी कुर्बानी कबूल करके हमारी मुश्किलों को कम करे. और हम लोगों को अमन से, चैन से रहने दे.’

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | Srinagar: National Conference (NC) chief Farooq Abdullah gets emotional as he extends greetings on the occasion of <a href="https://twitter.com/hashtag/EidAlAdha2023?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#EidAlAdha2023</a> <a href="https://t.co/ZyfMkakPpi">pic.twitter.com/ZyfMkakPpi</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1674290575728857089?ref_src=twsrc%5Etfw">June 29, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें (केंद्र सरकार को) सोचना चाहिए कि देश विविधतापूर्ण है, यहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं और मुसलमानों का अपना शरीयत कानून है. उन्हें ऐसा करने (यूसीसी लागू करने) से आने वाले किसी भी संभावित तूफान के बारे में सोचना चाहिए.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूसीसी का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘जब एक परिवार में दो नियम नहीं चल सकते, तो देश दो अलग-अलग नियमों से कैसे चल सकता है.’ उनकी इस टिप्पणी के बार राजनीतिक हलकों में यूसीसी को लेकर अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है.नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘देखिए सबसे पहली चीज जो मैं आपसे कहूंगा, आजकल ये जो कर रहे हैं कि यूनिफाॅर्म सिविल कोड होना चाहिए. मैं समझता हूं कि उन्हें सोचना चाहिए. यह मुल्क डाइवर्स है. इसमें हर किस्म के लोग रहते हैं, हर मजहब रहता है, हर जुबान के लोग रहते हैं और हर सोच के लोग रहते हैं. मुसलमानों का अपना शरीयत कानून है, उसकी तरफ भी नजर रखनी चाहिए. इसकी बजाय की इसको आगे चलाएं, इस पर बार-बार सोचें. कहीं कोई तूफान न आए, अगर इसके लिए इन्होंने कोई कदम उठाया तो.’ पीएम मोदी ने जिस दिन यह बयान दिया, उसी रात ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अधिकारियों ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और यूसीसी का विरोध करने का फैसला किया.

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