Sheetal Tejwani Pune Land Scam : मुंधवा ज़मीन ख़रीद मामले (Mundhwa Land Purchase Case) में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह मामला ख़रीद दस्तावेज़ से सामने आया है। पता चला है कि गाँव की मुखिया शीतल तेजवानी (Sheetal Tejwani) ने पार्थ पवार की अमीडिया कंपनी से बिना एक भी गारंटर लिए 300 करोड़ की ज़मीन का लेन-देन सीधे ख़रीद दस्तावेज़ के ज़रिए किया है। यह भी पता चला है कि 300 करोड़ का यह लेन-देन बिना एक भी रुपया लिए किया गया। इस ख़रीद दस्तावेज़ में इस बात का कोई ज़िक्र नहीं है कि इतनी बड़ी रकम का भुगतान कैसे और कब किया जाएगा। क्या यह लेन-देन सिर्फ़ बातों में हुआ था? यह सवाल उठ रहा है। तो अगर यह मामला बाद में सामने आता है, तो क्या यह अधिकारियों को गुमराह करने की चाल नहीं है? इस पर संदेह किया जा रहा है।
ख़रीद दस्तावेज़ में क्या लिखा है?
क्रय विलेख में दोनों पक्षों के नाम, हस्ताक्षर और दस्तावेज़ी साक्ष्य की जानकारी होती है। इसमें यह भी बताया जाता है कि ख़रीद के समय कितना पैसा, किस माध्यम से, ऑनलाइन, चेक या नकद, भुगतान किया गया। ज़मीन विक्रेता और ख़रीदार के बीच इसकी विस्तृत जानकारी दी गई है। लेकिन पुणे ज़मीन घोटाले में, इस क्रय विलेख में ऐसी कोई जानकारी नहीं है। क्रय विलेख पर 300 करोड़ रुपये के लेन-देन का कोई ब्यौरा नहीं दिया गया था। ख़ास बात यह है कि एक भी रुपये का लेन-देन नहीं हुआ था। तो क्या यह लेन-देन पूरी तरह भरोसे के आधार पर हुआ था? इस पर सवाल उठ रहे हैं। तो क्या द्वितीयक रजिस्ट्रार ने इस क्रय विलेख को अपनी निगरानी में नहीं रखा था? इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
शीतल विदेश भाग गई?
पुलिस को देर से पता क्यों चला कि शीतल तेजवानी का फ़ोन पिछले दो दिनों से नहीं बज रहा था। इसके बाद पुलिस को शक हुआ है कि शीतल विदेश तो नहीं भाग गई? यह भी जानकारी सामने आ रही है कि शीतल पर करोड़ों का कर्ज़ है। पुलिस के सामने यह भी बड़ा सवाल है कि शीतल ने अमीडिया से एक भी रुपया लिए बिना क्रय विलेख क्यों बनवाया। शीतल तेजवानी की जानकारी इमिग्रेशन विभाग से ली जा रही है।
केवल मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं कि पार्थ के खिलाफ कोई अपराध क्यों नहीं हुआ!
इस बीच, यह सवाल उठ रहा है कि इस मामले में पार्थ पवार के खिलाफ मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया। सरकार ने इस मामले से हाथ खींच लिए हैं। जो लोग दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए आए थे। जानकारी सामने आ रही है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। इस मामले में वरिष्ठ नेता शरद पवार से अकोला में पूछताछ की गई। जब उनसे पूछा गया कि पार्थ पवार के खिलाफ मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया, तो उन्होंने कहा कि केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही बता सकते हैं कि पार्थ के खिलाफ मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया।



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Sun, Nov 09 , 2025, 10:22 AM