जिनपिंग की नाक में किया दम
बीजिंग. दुनिया में भले ही कोरोना का असर कम हो गया हो. लेकिन इसका बुरा प्रभाव (bad effect) चीन पर अब भी नजर आ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पिछड़ती जा रही है. दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (second largest economy) का बुरा दौर शुरू हो गया है. कोरोना महामारी (Corona epidemic) के करीब तीन साल बाद चीन की अर्थव्यवस्था अब गिर रही है. इस हालात में चीन में युवाओं को नौकरी ढूंढने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
चीन में 16 से 24 वर्ष की आयु के लोगों की बेरोजगारी दर मई में 20.8 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. जबकि अप्रैल महीने में यह आंकड़ा 20.4 प्रतिशत था. चीन ने कमजोर अर्थव्यवस्ता इंडिकेटर की सीरीज की एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें लगातार दूसरे महीने बेरजोगारी दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. NBS (National Bureau Of Statistics) ने एक बयान में कहा, कुल मिलाकर शहरी बेरोजगारी मई के महीने में 5.2 प्रतिशत पर रही. इस बीच, मई में औद्योगिक उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ा, जो एक महीने पहले 5.6 प्रतिशत था, क्योंकि कारखाने धीरे-धीरे पूरी क्षमता पर लौट आए हैं.
साल 2021 के एक सर्वे के मुताबिक शंघाई और बीजिंग जैसे बड़े शहरों में नए ग्रेजुएट के लिए नौकरियों के लिए औसतन केवल 749 अमेरिकी डॉलर प्रति माह की सैलरी दी गई. बता दें कि चीन में महामारी से जुड़ी रोकथाम हटा दी गई है. इसके बावजूद चीन में युवा रोजगार दर को कम करने की मूलभूत स्थितियों में सुधार नहीं हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक रिसर्च में पाया गया कि युवा बेरोजगारी जीवन भर की कमाई को कम कर देती है. क्योंकि इसका मतलब यह है कि युवा स्किल तैयार करने के मबत्वपूण अवसरों को खो रहे हैं.



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Thu, Jun 15 , 2023, 10:49 AM