Shock to Siddaramaiah government: कर्नाटक में कांग्रेस की 5 में से 1 गारंटी पर लगा ग्रहण

Thu, Jun 15 , 2023, 09:58 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

केंद्र ने चावल-गेहूं की बिक्री पर लगाई रोक
बेंगलुरु:
केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री (sale of wheat and rice) रोक दी है. इस फैसले से कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को झटका लगा है. उसे अपनी 5 गारंटियों में से, अन्ना भाग्य योजना (Anna Bhagya scheme) को लागू करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस योजना के तहत कर्नाटक के सभी बीपीएल परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस निर्णय को ‘राजनीतिक’ बताया है.’ द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कर्नाटक में गरीबों को अनाज की आपूर्ति करने से रोकने के लिए यह फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अन्न भाग्य योजना के तहत अनाज की आपूर्ति के लिए एफसीआई से 2.28 लाख मीट्रिक टन (एमटी) की मांग की थी और 12 जून को एफसीआई ने दो पत्र भेजकर लगभग 2.22 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति करने की सहमति दी थी. इसके एक दिन बाद, 13 जून को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा एफसीआई के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री बंद करने का निर्देश आया. बुधवार को सीएमओ द्वारा निर्देश की प्रतियां साझा की गईं, जिसमें कहा गया है: ‘एफसीआई कीमतों को कम करने के लिए आवश्यकता के अनुसार ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) (ओएमएसएस-डी) के तहत केंद्रीय पूल स्टॉक से निजी पार्टियों को चावल की बिक्री कर सकता है, राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.’
केंद्र ने पूर्वोत्तर, पहाड़ी राज्यों को FCI स्टॉक से खाद्यान्न खरीदी की छूट दी है
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने इस निर्देश में पूर्वोत्तर, पहाड़ी राज्यों और कानून व्यवस्था की स्थिति या प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे राज्यों को एफसीआई स्टॉक से ओएमएसएस-डी के तहत खाद्यान्न खरीद की छूट दी है. खाद्य मंत्रालय ने इस निर्णय को खाद्यान्न की कीमतों को काबू रखने के लिए केंद्र सरकार के उपाय का हिस्सा बताया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने इस बारे में कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि केंद्रीय पूल में पर्याप्त स्टॉक स्तर सुनिश्चित करते हुए मुद्रास्फीति के रुझान को नियंत्रण में रखा जाए, इस बार ओएमएसएस (डी) के दायरे से राज्य सरकार की योजना को बाहर करने का निर्णय लिया गया है.’ सिद्धारमैया ने दावा किया कि 7 लाख टन चावल का स्टॉक होने के बावजूद केंद्र राज्यों को एफसीआई की बिक्री रोक रहा है.
कर्नाटक काफी हद तक एफसीआई से चावल खरीदने पर विचार कर रहा है, न कि ज्यादा गेहूं खरीदने पर. एफसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1 जून को केंद्रीय पूल में चावल का स्टॉक 262.23 लाख मीट्रिक टन और धान का स्टॉक 226.85 लाख मीट्रिक टन (152 लाख मीट्रिक टन चावल के बराबर) था. एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पूल में उपलब्ध 87 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 270 लाख मीट्रिक टन चावल को ओएमएसएस (डी) के तहत बिक्री के लिए पेश किया जा सकता है, यदि आवश्यक हो, तो खाद्यान्न की कीमतों पर अंकुश लगाया जा सकता है. मंत्रालय ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एफसीआई के माध्यम से गेहूं और चावल की पहली खुली बाजार नीलामी 28 जून के लिए निर्धारित की गई थी.
मंत्रालय ने कहा, ‘इस ओएमएसएस (डी) में, एक बिडर एक बिड में 10-100 मीट्रिक टन खाद्यान्न खरीद सकता है. पहले की बिक्री के दौरान, एक खरीदार के लिए अधिकतम मात्रा 3,000 मीट्रिक टन प्रति बोली की अनुमति थी. अधिक छोटे और सीमांत खरीदारों को समायोजित करने और योजना की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इस बार मात्रा कम कर दी गई है. यह ओएमएसएस (डी) के तहत बेचे गए स्टॉक को आम जनता को तुरंत जारी करने की सुविधा प्रदान करेगा.’ एफसीआई से 36.6 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल प्राप्त करने की उम्मीद पर, अन्न भाग्य योजना के लिए कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा निर्धारित मासिक व्यय 840 करोड़ रुपये है. सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक ने छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे चावल की खेती करने वाले राज्यों के साथ-साथ ऐसी एजेंसियों से भी संपर्क किया है जो 1 जुलाई से योजना के रोलआउट को सुनिश्चित करने के लिए चावल उपलब्ध करा सकती हैं.
केंद्र सरकार अन्न भाग्य योजना को विफल करने की कोशिश कर रही: सिद्धारमैया
 सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि अन्ना भाग्य रोलआउट की घोषणा करने से पहले, उनकी सरकार ने 6 जून को एफसीआई को एक पत्र लिखा था. उन्होंने कहा, ‘मैंने एफसीआई के उप महाप्रबंधक से बात की, जो 34 रुपये प्रति किलो की दर से अनाज और 2.60 रुपये प्रति किलो परिवहन की दर से देने के लिए सहमत हुए. सहमत होने के बाद, उन्होंने 12 जून को हमें दो पत्र लिखे; इसमें ओएमएसएस (डी) के तहत जुलाई के लिए 2.08 लाख मीट्रिक टन चावल बेचने का वादा शामिल है, साथ ही अन्य 13,819.485 टन चावल भी बेचने का वादा शामिल है. इसके एक दिन बाद, 13 जून को, एक राजनीतिक निर्णय लिया गया (राज्यों को एफसीआई की बिक्री रोकने के लिए). केंद्र सरकार अन्न भाग्य योजना को विफल करने की कोशिश कर रही है.’
सिद्धारमैया सरकार खाद्यान्न का बाजार मूल्य गरीबों के बैंक खातों में भेजे: सीटी रवि
उपभोक्ता मामलों के विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को चावल का अखिल भारतीय दैनिक औसत खुदरा मूल्य 39.81 रुपये था (यह एक साल पहले लगभग 36.3 रुपये था), और औसत थोक मूल्य 3,487.84 रुपये प्रति क्विंटल (यह एक साल पहले 3,148.88 रुपये था) था. सिद्धारमैया के दावों परसिद्धारमैया के दावों पर पलटवार करते हुए, भाजपा महासचिव सीटी रवि ने कहा कि अगर सीएम प्रति व्यक्ति 10 किलो चावल की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं तो उन्हें चावल का बाजार मूल्य गरीबों के बैंक खातों में स्थानांतरित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है जो राज्य के सभी गरीब परिवारों को 5 किलो चावल दे रही है. अन्न भाग्य के अलावा कांग्रेस की 5 गारंटियों में शक्ति योजना है, जो महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की पेशकश करती है, जो 11 जून को शुरू हो चुकी है. युवा निधि, के तहत युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा; 1 जुलाई से लागू होना प्रस्तावित है. गृह लक्ष्मी (हर महीने परिवार की महिला मुखिया के लिए 2,000 रुपये) और गृह ज्योति (200 यूनिट तक मुफ्त बिजली), जो अगस्त से शुरू की जानी हैं.

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