India-China Conflict:  भारत के साथ सीमा विवाद में US की दखल बर्दाश्त नहीं- चीन

Tue, Jun 06 , 2023, 03:12 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

हर जगह घुसने की कोशिश
India China Border Conflict:
भारत-चीन के बीच संबंध स्थिर हैं. बात अगर सीमा विवाद की है तो यह भारत और चीन (India and China) का मामला है. किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत में चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने यह बातें कही है. चीनी प्रवक्ता ने अमेरिका को आड़े हाथों लिया और कहा कि यूएस हर जगह अपना वर्चस्व कायम करने कोशिश करता है. भारत-चीन विवाद (India-China dispute) पर अमेरिका की तरफ से बयानबाजी होती रही है, जिसको लेकर चीनी प्रवक्ता ने पलटवार किया.
अमेरिका को निशाने पर लेते हुए भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग शियॉजियान (Wang Xiaojian) ने कहा कि चीन तो विश्व शांति और समृद्धि में योगदान करता है. सिर्फ अमेरिका है जो जबरदस्ती और अपना वर्चस्व कायम करने के लिए सभी तरह के उपायों का सहारा लेता है. अमेरिका अपने सहयोगियों पर दबाव बनाता है और डराता-धमकाता है, जिसका खामियाजा विकासशील देश भुगत रहे हैं.
भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश में अमेरिका
गौरतलब है कि चीन के साथ बढ़ते विवाद के बीच अमेरिका भारत के साथ संबंधों को और गहरा करने की कोशिश में है. मसलन, अपने इंडो-पैसिफिक एजेंडे के रूप में वह चीन के साथ भारत के सीमा विवाद में भी दखल देने की कोशिश में है. भारत-अमेरिका के बीच भी पिछले दिनों सुरक्षा समझौतों पर चर्चाएं तेज हुई है. हाल ही में दोनों देशों ने क्रिटिकल एंड एमर्जिंग टेक्नोलॉजी को लेकर भी पहल शुरू की है.
दोनों देशों में डिफेंस ट्रेड भी बेतहाशा बढ़ी है. 2020 तक भारत-अमेरिका का डिफेंस ट्रेड 20 अरब डॉलर का रहा है. 2008 तक यह लगभग शून्य था. पिछले कुछ सालों में दोनों देशों ने सैन्य सहयोग को बढ़ाने पर भी जोर दिया है. इनमें टाइगर ट्रायम्फ, युद्धाभ्यास और मालाबार एक्सरसाइज जैसी कुछ पहल शामिल हैं. अमेरिका भारत को एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी मानता है. एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते अमेरिका की कोशिश है कि वह भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने साथ रखे. खासतौर पर चीन को काउंटर करने के लिए.
अमेरिका देगा सहयोगियों का साथ- जो बाइडेन
हालांकि, भारत कहीं न कहीं नहीं चाहता कि चीन के साथ सीमा विवाद में अमेरिका हस्तक्षेप करे. फिर भी भारत की कोशिश यही है कि किसी मदद की स्थिति में उसका सहयोगी साथ खड़ा हो. ऐसे कई मौके हैं जहां अमेरिका ने भारत का सहयोग किया है. सीमा विवाद के बीच भी अमेरिका ने चीनी अक्रामकता को लेकर जरूरी जानकारी भारत को मुहैया कराए हैं. अमेरिका ने भारतीय सीमाओं के आसपास चीनी गतिविधियों पर भी भारत को अलर्ट किया है. इन्फोर्मेशन और इंटेलिजेंस सहयोग दिए हैं. राष्ट्रपति जो बाइडेन भी साफतौर पर कह चुके हैं कि चाहे ईस्ट चाइना सी हो, ताईवान, साउथ चाइना सी और चीन के साथ भारत के सीमा विवाद हो… अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ रहेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा
अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्हाइट हाउस जा रहे हैं. इस दौरान माना जा रहा है कि चीन के मसले पर बाइडेन-मोदी बातचीत हो सकती है. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और अमेरिका के बीच स्ट्रेटेजिक कम्पटीशन पर अमेरिकी हाउस सेलेक्ट कमेटी ने भारत को नाटो प्लस में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. माना जा रहा है कि व्हाइट हाउस में पीएम मोदी के साथ जो बाइडेन इस मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं. अगर इसपर कुछ करार होते भी हैं तो चीन को मिर्ची लगना तय है.

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