पाकिस्तान. पाकिस्तान में महंगाई दर (Inflation Rate) 38 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर तक पहु्ंच गई है. ये आंकड़ा मई 2023 का है. जबकि श्रीलंका में महंगाई दर 25.2 पर आ चुकी है. बीते एक साल में सबसे कम है. खाने पीने के दामों में 10 फीसदी तक कमी आई है और गैर खाद्य सामग्रियों पर भी लगभग 11 फीसदी कम है. इसके अलावा पाकिस्तान या यूं कहें कि शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के ऊपर एक और तलवार लटक रही है. शरीफ की आंखों से नींद गायब हो चुकी है. पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है. विदेशों में कौड़ी मात्र की इज्जत नहीं बची. शहबाज शरीफ खुद भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये कलंक उन्हें के सिर मढ़ना था क्या. दरअसल, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan's foreign exchange reserves) लगातार घटता जा रहा है. विदेशी कर्ज और उनके ब्याज के बोझ तले पाकिस्तान डूब चुका है. इंटरनेशनल रेटिंग एजेंसी फिच आंकड़े पेश करती है. इसके अनुसार जून यानी इसी महीने 3.7 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है. पाकिस्तान का खजाना (Pakistan's treasury) तो वैसै ही खाली पड़ा है. ये कर्ज भरने के लिए वो चीन से कर्ज लेगा. लेकिन चीन तो सबसे ज्यादा कर्ज पहले से ही दिए हुए है. अगर पाकिस्तान कर्ज नहीं भर पाया तो वो दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा.
बॉक्सिंग रिंग का कच्चा खिलाड़ी पाकिस्तान
पाकिस्तान बॉक्सिंग रिंग का वो खिलाड़ी है जो लाइट वेट बॉक्सर की लड़ाई हैवी वेट वाले कराता है. वो हर मौके पर बस भारत के साथ अपनी तुलना करना जानता है. पहले अमेरिका और चीन के टुकड़ों पर पलते हुए पाकिस्तान खुद को भारत से ऊपर सपने देखता रहा. अब जरा भारत के आंकड़े पर नजर डालते हैं. हालांकि पाकिस्तान से भारत की कोई तुलना ही नहीं. ये तो बिल्कुल वैसे ही जैसे भारत को बरमूडा की टीम के साथ क्रिकेट मैच. अप्रैल 2023 तक भारत का इंफ्लेशन रेट 4.7 परसेंट था. 2021 अक्टूबर में महंगाई दर 5.7 थी. फूड इंफ्लेशन रेट यानी खाद्य मुद्रास्फीति सिर्फ 3.8 फीसदी है. मई में पाकिस्तान में food inflation 48.7 फीसदी थी. जोकि अप्रैल में 48.1 थी.
कर्ज मांगे-मांगे पीएम शरीफ की घिसी जा रहीं हैं चप्पले
पाकिस्तान IMF मिशन के प्रमुख नाथन पोर्टर ने एक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि हम पाकिस्तान के राजनीतिक हालातों पर नजर रख रहे हैं. लेकिन हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि इस संकट को संविधान और कानून से निपटाना चाहिए. पाकिस्तान के कंगाल मंत्रियों को ये बात बहुत बुरी लगी. एक तरफ तो उनके पीएम शहबाज शरीफ वर्ल्ड बैंक की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से संपर्क करके 6.5 अरब डॉलर के पैकेज से कुछ पैसा मांग रहे हैं. हालांकि ये तो कर्ज पाकिस्तान को मिला था इसकी कुछ शर्तें थीं. मगर पाकिस्तान उन शर्तों को पूरा नहीं कर पाया.
जुबान में कंट्रोल नहीं
पाकिस्तान के मंत्रियों ने आईएमएफ से ही बैर ले ली. ये जानते हुए कि अगर कहीं से उम्मीद हैं तो बस वहीं से हैं मगर बड़बोले नेता अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं कर पाए. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कह रहे हैं कि पोर्टर का बयान ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे वो यहां की राजनीतिक स्थिति पर दखल दे रहे हों. मंत्री ने कहा कि हमें 1.1 बिलियन का कर्ज तो दिया नहीं ऊपर से हमारे घरेलू मैटर में इंटरफेयर कर रहे हैं.
Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : vidya Fri, Jun 02, 2023, 02:35