दिल्ली: दिल्ली के मुख्ममंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास के नवीनीकरण और उस पर खर्च हुई रकम का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है. दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट (Vigilance Department) द्वारा उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सीएम के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन (renovation of the CM's official residence) में 52.71 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. गुरुवार को सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विजिलेंस डिपार्टमेंट ने अपनी ये रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी विभाग से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक तैयार की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 52.71 करोड़ रुपये में से घर के रिनोवेशन पर 33.49 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और 19.22 करोड़ रुपये सीएम के एक कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए हैं.
वहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. आप का कहना है कि 9 साल से लगातार सीएम अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने की कोशिश की गई है, जब बीजेपी इसमें कामयाब नहीं हो पाई तो अब उसने सीएम आवास को निशाना बना लिया है. पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विजिलेंस विभाग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में यह कहीं नहीं लिखा कि कोई अपराध किया गया है. यह पहली बार है जब सीएम के लिए एक आधिकारिक रिहायशी परिसर बनाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री आवास, एक कार्यालय सचिवालय, एक सभागार और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं.
घर पुराना हो चुका था इसलिए पीडब्ल्यूडी ने दिया गिराने का आदेश
विजिलेंस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सीएम आवास को बेहतर बनाने के लिए उसमें कई कमरे अतिरिक्त बनाने का प्रस्ताव दिया था जिसमें एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और एक 24 लोगों की क्षमता का डाइनिंग रूम शामिल था. इसी के ही साथ पीडब्ल्यूडी ने 6 फ्लैग रोड़ स्थित सीएम आवास के ढांचे को इस आधार पर गिराने का प्रस्ताव दिया था क्योंकि वह 1942-43 में बना था और उसकी मियाद भी 1997 में पूरी हो चुकी थी. पीडब्ल्यूडी ने ही सीएम आवास में एक्सट्रा निर्माण और रिनोवेशन की सिफारिश की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि आवास का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा हो जाने के बाद मुख्यमंत्री और उनका परिवार नए बंगले में शिफ्ट हो सकता है और मौजूदा बंगले को गिराया जा सकता है.
खर्च होने थे 20 करोड़ और हो गए 52 करोड़
रिपोर्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने इस पूरे रेनोवेशन पर 15 से 20 करोड़ रुपए की लागत लगने का अनुमान लगाया था. जिसमें लगभग 8 करोड़ रुपये का पहला टेंडर 2020 को दिया गया था, हालांकि इसमें नए घर के निर्माण का कहीं कोई जिक्र नहीं था.
Source : Hamara Mahanagar Desk - Post By : vidya Fri, May 26, 2023, 12:43