TMC नेता Abhishek Banerjee की सभा को नहीं मिली सेना की अनुमति, मीटिंग को लेकर क्या है विवाद?

Fri, Mar 24 , 2023, 11:30 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Abhishek Banerjee Meeting: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के शहीद मीनार (Shaheed Minar in Kolkata) में तृणमूल कांग्रेस के छात्र और युवा संगठनों की 29 मार्च को संयुक्त रैली बुलाई गई है. रैली में मुख्य वक्ता पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) हैं, लेकिन उस दिन शहीद मीनार की बैठक को लेकर विवाद पैदा हो गया है, क्योंकि अभिषेक बनर्जी की सभा को सेना की अनुमति नहीं मिली है. अगर तय समय में तृणमूल छात्र-युवा संगठन को शहीद मीनार पर सभा को मंजूरी नहीं मिलती है तो तृणमूल कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है.
बता दें कि अभी धर्मतला शहीद मीनार पर डीए की मांग पर राज्य सरकारी कर्मचारी अनशन पर बैठे हैं. उनका आंदोलन लंबे समय से चल रहा है. अभिषेक बनर्जी की सभा भी उसी शहीद मीनार में है. वहां भारी भीड़ होने की संभावना है.
शहीद मीनार में चल रहा है डीए की मांग कर रहे आंदोलनकारियों का धरना
कोलकाता के डीसी (Kolkata's DC) दक्षिण कार्यालय से बुधवार शाम डीए कार्यकर्ताओं को एक ईमेल भेजा गया. इस ईमेल में 29 मार्च को पुलिस ने आंदोलनकारियों अपना धरना स्थगित करने का अनुरोध किया है. उस दिन, पुलिस ने कहा कि वे एक राजनीतिक दल की बैठक के लिए दूसरी जगह चले गए हैं, लेकिन डीए को लेकर आंदोलन कर रहे कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं हैं. उनका दावा है, “हम अदालत की अनुमति से धरना दे रहे हैं. हमें हड़ताल क्यों स्थगित करनी चाहिए? पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का तरीका समझने दें. पुलिस को यह भी देखना चाहिए कि क्या किसी अन्य राजनीतिक दल को मैदान में कार्यक्रम करने की अनुमति दी जाएगी.”
सेना की अनुमति नहीं मिलने पर कोर्ट जा सकती है तृणमूल कांग्रेस
इस बीच, तृणमूल ने सेना को पत्र भेजकर उस दिन शहीद मीनार पर सभा करने की अनुमति मांगी. इसके जवाब में सेना ने जानकारी दी है कि डीए को लेकर आंदोलन कोर्ट की अनुमति से चल रही है. वहां राजनीतिक सभा कैसे संभव है? तृणमूल सूत्रों के मुताबिक सेना को अनुमति नहीं मिली तो पार्टी कोर्ट जाएगीय पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ”उस जगह को अनिश्चितकाल के लिए रोके रखने का कोई मतलब नहीं है. राजनीतिक रैली को एक दिन के लिए छोड़ देना चाहिए था. क्या यह कोई शिष्टाचार है? बीजेपी ने इसे गृह मंत्रालय को दे दिया है. यदि सेना ऐसा करना चाहती है, तो परिणाम अच्छा नहीं होगा.” बता दें कि शहीद मीनार का यह इलाका सेना के अधीन है इसलिए यहां सभा करने के लिए सेना से अनुमति लेना जरूरी है, जब उस संबंध में सेना को आवेदन दिया गया तो सेना ने बैठक की विस्तृत योजना के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है और अभी तक अनुमति नहीं मिलने से विवाद बढ़ने के आसार हैं.

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