मायावती को गठबंधन के लिए कहा, जवाब तक नहीं दिया : राहुल

Sat, Apr 09 , 2022, 05:57 AM

Source : Uni India

नयी दिल्ली, 09 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती (Mayawati) को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने गठबंधन कर जीत के बाद मुख्यमंत्री बनने को कहा था लेकिन उन्होंने इसका जवाब तक नहीं दिया और खुद को दलितों का मसीहा बताने वाली इस नेता ने दलितों की आवाज बनने से ही इन्कार कर दिया।
श्री गांधी ने शनिवार को यहां के. राजा की पुस्तक ‘द दलित ट्रुथ’ के विमाेचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सीबीआई, ईडी, पेगासस का डर इन चुनावों में भी भारी पड़ा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस तरह का भय लोगों में रहा है जिसके कारण भाजपा की जीत का रास्ता आसान हो गया।
उन्होंने कहा कि “आपने देखा होगा मायावती जी ने चुनाव ही नहीं लड़ा। हमने मायावती जी को मैसेज दिया, अलायंस करिए, चीफ मिनिस्टर बनिए, बात तक नहीं की। मैं कांशी राम जी की रिस्पेक्ट करता हूँ, खून पसीना देकर दलित आवाज जो थी उत्तर प्रदेश की, उसको उन्होंने जगाया। कांग्रेस का नुकसान हुआ, वो अलग बात है, मगर उस आवाज को जगाया। आज मायावती जी कहती हैं कि मैं उस आवाज के लिए लडूंगी नहीं। खुला रास्ता दे दिया। क्यों -सीबीआई, ईडी, पेगासस का डर है।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि डाॅ भीमराव अंबेडकर ने संविधान बनाने और उसको विकसित कर दलितों को संरक्षण देने का काम किया। डॉ अम्बेडकर ने हमें जो हथियार दिया आज उसका कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि यहां बहुमत की नहीं बल्कि बाहु के बल पर सत्ता पर आने वाले की मनमर्जी चल रही है। श्री गांधी ने कहा “मेरे ऊपर देश का कर्ज है, मैं सोचता हूं कि मेरे देश ने मुझे जो प्यार दिया, जो इज्जत दी, मैं उसको कैसे निभाऊं।” 
श्री गांधी ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने देश को संविधान के रूप में एक हथियार दिया है लेकिन जब संस्थानों को ही समाप्त कर दिया जाएगा तो और देश में कोई संस्थान ही नहीं रहेगा तो संविधान का क्या मतलब रह जाता है। मोदी सरकार लगातार संस्थानों पर ही हमला कर रही है और उसका यह हमला सीधे संविधान पर है।
उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा की बात सभी करते हैं लेकिन संस्थाओं के जरिए संविधान को कैसे लागू किया जाएगा क्योंकि सारे संस्थान तो आरएसएस के हाथ में हैं। यदि संस्थान हम सबके हाथ में नहीं हैं तो फिर संविधान भी हमारे हाथ में नहीं है। यही संविधान पर भाजपा और आरएसएस का आक्रमण है और यह नया नहीं है,यह आक्रमण उस दिन शुरु हुआ, जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियाँ दागी गई थीं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा जानती है कि उसे पूरे संस्थानों पर कैसे कब्जा करना है। उन्होंने कहा “इसके लिए मीडिया को कंट्रोल करके, तीन-चार सबसे बड़े अरबपतियों को कंट्रोल करके, पेगासस से राजनेताओं को कंट्रोल करके रखना है। मैं आपको बता रहा हूं और स्टेज पर खड़ा होकर बता रहा हूं। अगर मैंने कहीं से भी भ्रष्टाचार कर एक रुपया लिया होता तो मैं यहां खड़े होकर भाषण नहीं दे पाता। मैं कोने में चुप बैठा रहता, ये भाषण नहीं दे पाता। तो पेगासस, सीबीआई, ईडी, ये पॉलिटिकल सिस्टम को कंट्रोल करते हैं।”
उन्होंने कहा कि लड़ाई सिर्फ जनता लड़ सकती है और जब तक देश की जनता के अंदर की आवाज नहीं निकलेगी तब तक ये लोग संस्थानों को नियंत्रित कर संविधान को लागू होने नहीं देंगे। यह आज के हिंदुस्तान की सच्चाई है। उनका कहना था कि जब संविधान काम नहीं करता है तो इसकी सीधी चोट कमजोर लोगों पर पड़ती है और कमजोर लोगों में - दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी, बेरोजगार और छोटे किसान हैं।

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