कोल्हापुर/औरंगाबाद 09 अप्रैल (वार्ता)। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के औरंगाबाद जिला के महासचिव एडवोकेट लक्ष्मण पाटिल-प्रधान ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ पर जूते-चप्पल फेंकने तथा पथराव (stone pelting) करने की घटना की कड़ी निंदा की है। फडणवीस ने शनिवार को पुलिस सुरक्षा पर भी सवाल उठाते हुए कहा उस समय पुलिस कर्मी क्या कर रहे थे जब राज्य परिवहन के कर्मचारियों ने पवार के आवास पर हमला किया।
कोल्हापुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि राजनीति में किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं के घर पर इस तरह जाना उचित नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री सांगली जिले में कोल्हापुर-उत्तर विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार सत्यजीत कदम (Satyajit Kadam) के चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए जा रहे थे। इस बीच, उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब हड़ताली कर्मचारी वहां पहुंचे तो वे क्या कर रहे थे। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को पुलिस के साथ-साथ सभी पहलुओं की भी जांच करनी चाहिए।
इसके अलावा एडवोकेट प्रधान ने आज कहा कि महाराष्ट्र राज्य के सबसे वरिष्ठ एवं सम्मानित नेता पवार के घर पर पथराव करना बहुत ही निंदनीय कृत्य है। उन्होंने यह भी मांग की कि पुलिस इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार करे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस बीच, पुलिस ने इस संबंध में मुंबई में एमएसआरटीसी के 100 से अधिक कर्मचारियों को उनके अधिवक्ता गुणरत्ने सदावर्ते के साथ गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को राकांपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष एवं जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने मुंबई में राकांपा सुप्रीमो के घर ‘सिल्वर ओक (silver oak)’ पर पथराव की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने पूछा कि एमएसआरटीसी की चल रही हड़ताल से संबंधित अदालत के कल के फैसले के बाद कुछ लोग परेशान थे। क्या इसी वजह से लोगों के एक समूह ने पवार के घर पर पत्थर फेंके? इस दौरान पाटिल ने यह भी याद दिलाया कि महाराष्ट्र में पहले कभी किसी नेता के घर पर इस तरह की घटना नहीं हुई। इस बीच राज्य के गृहमंत्री दिलीप वासिल ने ट्वीट करते हुए कहा कि एमएसआरटीसी के कर्मियों द्वारा इस तरह की हकरत करना शोभनीय नहीं है। उल्लेखनीय है कि मुंबई उच्च न्यायलय (high Court) ने कल अपने फैसले में कहा था कि एमएसआरटीसी के कर्मियों को 22 अप्रैल तक ड्यूटी पर लौटना होगा, नहीं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।



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Sat, Apr 09 , 2022, 03:07 AM