पणजी. पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे (Assembly Elections Results) गुरुवार, 10 मार्च को आने वाले हैं. इन राज्यों में गोवा भी शामिल है. गोवा के बेहद लोकप्रिय भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के निधन के बाद वहां पहली बार चुनाव हुए हैं. इसके बाद, भाजपा (BJP) के लिए भी नई चुनौती पेश आई है. कांग्रेस यहां वापसी के लिए कमर कस रही है और आम आदमी पार्टी (AAP) तथा तृणमूल कांग्रेस (TMC) जैसे दल अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं. ऐसे में, इस बार वहां की अलहदा चुनावी तस्वीर पर एक नजर डाली जा सकती है.
कब मतदान, कितने मतदाता : गोवा में विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election) के लिए एक चरण में 14 फरवरी को वोट डाले गए थे. यहां की 40 सीटों के लिए भाजपा, कांग्रेस, आप, टीएमसी, सहित महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) और शिवसेना के 301 उम्मीदवार मैदान में उतरे. इनमें 5 पूर्व मुख्यमंत्री हैं- दिगंबर कामत (कांग्रेस), रवि नाईक, प्रमोद सावंत (भाजपा), लक्ष्मीकांत पारसेकर (निर्दलीय) और चर्चिल अलेमाओ (टीएमसी). राज्य के 11 लाख मतदाताओं ने इन सभी की चुनावी किस्मत का फैसला किया है.
किसका, किसके साथ गठबंधन : सत्ताधारी भाजपा और आप ने इस बार अकेले चुनाव लड़ा. जबकि विपक्षी कांग्रेस जीएफपी के साथ. टीएमसी ने एमजीपी से हाथ मिलाया तो शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) साथ मिलकर चुनाव में उतरी.
मुख्य मुद्दे कौन से और विवाद : गोवा का चुनाव मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, खनन गतिविधियां और विकास के मुद्दे इर्द-गिर्द घूमा. हालांकि भाजपा ने मनोहर पर्रिकर के कामों और उनकी छवि को भी अपने प्रचार का माध्यम बनाया. लेकिन पर्रिकर का मसला ही भाजपा के लिए परेशानी का कारण भी बना. क्योंकि पर्रिकर के पुत्र उत्पल (Utpal Parrikar) को पार्टी ने उनके पिता की पणजी (Panajim) सीट से टिकट नहीं दिया. इसके बाद भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार अतनासियो मोंसरैट के खिलाफ निर्दलीय ही चुनाव में उतर गए.
किसने, कैसे-कैसे वादे किए : गोवा में खनन गतिविधियां फिर शुरू करने का वादा सभी दलों ने किया. इसके अलावा कांग्रेस (Congress) ने साफ-सुथरी सरकार (Corruption Free Govt) देने का वादा किया. एक बड़ा वादा राज्य को ‘दल-बदल की बीमारी से मुक्ति’ दिलाने का भी किया. वहीं, भाजपा ने मुफ्त घरेलू गैस सिलिंडर का वादा किया. पेट्रोल-डीजल की कीमतें न बढ़ाने का भरोसा भी. इसी तरह, आप ने मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा के साथ ही विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए 12.5% आरक्षण सुनिश्चित करने का वादा किया. जबकि, टीएमसी ने महिला-समर्थक योजनाएं लाने, 20,000 नौकरियां देने और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 80% आरक्षण गोवा के लोगों का देने वादा किया.
एक्जिट-पोल के पूर्वानुमान और 2017 की कहानी : अभी 7 मार्च को आए एक्जिट-पोल में बताया गया है कि गोवा में कांग्रेस और भाजपा को 16-16 सीटें मिल सकती हैं. इसके बाद हर किसी को 2017 की कहानी याद आ रही है. उस वक्त भी किसी दल को गोवा में बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस 18 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. लेकिन मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) के नाम पर अन्य दल दूसरे नंबर पर आई भाजपा के साथ जा मिले और सरकार उसकी बन गई थी.



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Wed, Mar 09 , 2022, 02:01 AM