Datta Jayanti 2025 : आज पूरे देश में दत्ता जयंती 2025 (Datta Jayanti) मनाई जा रही है। भगवान दत्तात्रेय हिंदू धर्म में एक अनोखे, पूर्ण और त्रिदेव हैं। दत्तात्रेय ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) तीनों शक्तियों का मिला-जुला रूप हैं। उन्हें प्यार से 'दत्ता' भी कहा जाता है। आज पूरे देश में दत्ता भक्तों में उत्साह की लहर देखी जा रही है। खासकर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में दत्ता के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। आज दत्ता जयंती के मौके पर आइए जानते हैं दत्ता के प्रमुख स्थानों के बारे में।
भारत में दत्ता की सबसे मशहूर जगहें
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश राज्यों में दत्ता के कई पुराने और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।
गंगापुर (कर्नाटक): नरसिंह सरस्वती स्वामी का मुख्य पीठ और भीम-अमरजा संगम के पास स्थित है। भक्त यहां संगम स्नान, भजन-कीर्तन और भस्मआरती के लिए आते हैं।
नृसिंहवाड़ी वाड़ी (कोल्हापुर, महाराष्ट्र): कृष्णा और पंचगंगा नदियों के संगम के पास बसी यह ऐतिहासिक वाड़ी भक्तों के लिए मशहूर है। यहां योगमूर्ति दत्त, पादुका दर्शन और नित्य भजन होते हैं।
औदुंबरा (सांगली, महाराष्ट्र): माना जाता है कि नृसिंह सरस्वती ने औदुंबरा पेड़ के नीचे तपस्या की थी। नदी के किनारे भक्त आते हैं और खास दत्त जयंती त्योहार मनाए जाते हैं।
कुरवपुर (कर्नाटक): कृष्णा नदी के एक टापू पर बसा यह समाधिस्थल गुरुपाठ, तपस्या और आध्यात्मिक साधना के लिए मशहूर है।
मानिकनगर (कर्नाटक): मानिक प्रभु की जन्मभूमि और कर्मभूमि, जहां हिंदू और सूफी परंपराओं का संगम देखने को मिलता है।
इन सभी पांच जगहों पर दत्त जयंती, गुरु पूर्णिमा और माणिक प्रभु महापर्व बड़ी श्रद्धा से मनाए जाते हैं। भक्त स्नान करके, भजन, कीर्तन करके, गुरुपाठ पढ़कर और प्रदक्षिणा करके अपनी श्रद्धा दिखाते हैं।



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Thu, Dec 04 , 2025, 10:35 AM