ग्वालियर: सीमा सुरक्षा बल (BSF) अकादमी ग्वालियर ने आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) समेत कुछ और संस्थानों के साथ मिलकर देश में पूरी तरह से स्वदेशी ड्रोन तकनीक (Indigenous Drone Technology) विकसित करने की दिशा में एक बड़ी पहल शुरू कर दी है। इसी क्रम में 10 नवंबर को तीन संस्थानों के बीच हुए सहमति पत्र (एमओयू) के बाद कल आईआईटी दिल्ली, सोनीपत कैंपस (Sonipat campus) में एक दिवसीय मंथन सत्र आयोजित किया गया।
बीएसएफ अकादमी (BSF Academy) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार आईआईटी दिल्ली के डीन (R&D), प्रोफेसर अश्विनी अग्रवाल की अध्यक्षता में हुए इस महत्वपूर्ण सत्र में 20 फैकल्टी सदस्यों के एक रिसर्च ग्रुप ने भाग लिया। चर्चा का केंद्र ड्रोन टेक्नोलॉजी के सभी अत्याधुनिक पहलू रहे, जिनमें हल्के कंपोजिट मैटेरियल, प्रणोदन प्रणाली, वायुगतिकी, कम तापमान वाली बैटरी, मोटर और नियंत्रण प्रणाली, सेंसिंग और सुरक्षित संचार जैसे विषय शामिल थे। बैठक में बीएसएफ के अधिकारी और आरजेआईटी के फैकल्टी सदस्य ने भी भाग लिया।
सत्र के समापन अवसर पर, बीएसएफ अकादमी के एडीजी/निदेशक डॉ. शमशेर सिंह और आईआईटी दिल्ली के निदेशक ने अपने विस्तृत विचार रखे और परियोजना के महत्व पर जोर दिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि देश के भीतर पूरी तरह से कस्टम-निर्मित स्वदेशी ड्रोन तकनीकों के विकास को सक्षम बनाने के लिए एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया जाएगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, आईआईटी दिल्ली, आरजेआईटी, बीएसएफ अधिकारियों और दोनों संस्थानों के छात्रों को मिलाकर जल्द ही एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को स्थापित किया जाएगा। यह पहल 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को नई गति देगी।



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Wed, Nov 19 , 2025, 04:09 PM