छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में कृषि संकट गहरा रहा है इसका प्रमाण यह है कि यहां पिछले दस महीनों में 899 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। लगातार फसल नुकसान, जलवायु अनिश्चितता और कम मुआवज़े के कारण क्षेत्र के किसान गहरी निराशा का सामना कर रहे हैं।
हाल में हुई एक घटना में सीना नदी में आयी बाढ़ से केले का बाग़ लगाने वाले एक किसान की पूरी फसल नष्ट हो गई। किसान ने लगभग 100 टन केले 25 हजार रुपये प्रति टन की दर से बेचने का सौदा किया था, लेकिन फसल पूरी तरह नष्ट होने के बाद उसे केवल 25 हजार रुपये का मुआवज़ा मिला।
महाराष्ट्र के मंत्री आशीष जायसवाल ने मीडिया से कहा कि सरकार किसान कल्याण योजनाओं और प्रोत्साहन कार्यक्रमों पर लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जो कृषि विभाग के 23 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक बजट से कहीं अधिक है।
उन्होंने कहा कि किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता और बढ़ाई जाएगी तथा प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए स्थायी उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एक समिति गठित की गई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि ऋण माफी का लाभ केवल वास्तविक पात्र किसानों को ही मिले।
इसी बीच, किसान संगठनों ने लंबी अवधि की रणनीतिक आपदा प्रबंधन योजना की माँग की है। शिवार हेल्पलाइन के संस्थापक विनायक हेगाना ने सरकार से आपदा तैयारी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।



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Wed, Nov 19 , 2025, 07:32 AM