Benefits of Vitamin D : विटामिन डी (Vitamin D) न केवल शरीर की हड्डियों के लिए, बल्कि संपूर्ण शारीरिक प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए भी आवश्यक है। विटामिन डी प्राप्त करने के लिए किस समय धूप में बैठना चाहिए? आहार में किन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए? डॉ. रुचा पाई ने यह महत्वपूर्ण जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की है।
विटामिन डी क्या है (What is Vitamin D)?
विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर में हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, तो हड्डियों के विकार (उदाहरण के लिए, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमलेशिया) और थकान, मांसपेशियों में दर्द और प्रतिरक्षा में कमी जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन डी का शरीरक्रिया विज्ञान
1. संश्लेषण: सूर्य के प्रकाश से उत्पादन
त्वचा में प्राकृतिक रूप से "7-डीहाइड्रोकोलेस्ट्रॉल" नामक वसा जैसा कोलेस्ट्रॉल यौगिक होता है। जब सुबह सूर्य का प्रकाश (UV-B किरणें) त्वचा पर पड़ता है, तो यह यौगिक विटामिन D3 (कोलेकैल्सिफेरॉल) में परिवर्तित हो जाता है। यानी, सूर्य का प्रकाश = प्राकृतिक विटामिन D!
2. यकृत में रूपांतरण
त्वचा में निर्मित विटामिन D3 रक्त के माध्यम से यकृत में जाता है। वहाँ यह "25-हाइड्रॉक्सी विटामिन D" नामक रूप में संग्रहित होता है। यानी शरीर में विटामिन D का भंडारण।
3. गुर्दे में विटामिन D का सक्रियण
इसके बाद, यह संग्रहित विटामिन D गुर्दे में जाता है और "1,25-डायहाइड्रॉक्सी विटामिन D (कैल्सिट्रिऑल)" में परिवर्तित हो जाता है, जो शरीर में सक्रिय रूप से कार्य करता है।
विटामिन डी की कमी क्यों होती है? - वैज्ञानिक और व्यावहारिक कारणों से जानें
1. धूप... लेकिन सही समय पर नहीं
विटामिन डी के उत्पादन के लिए यूवी-बी किरणों की आवश्यकता होती है। ये किरणें सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच सबसे अधिक सक्रिय होती हैं। अगर हम बहुत जल्दी, सुबह 7 बजे से पहले या शाम को टहलते हैं, तो धूप में विटामिन डी का उत्पादन नहीं हो पाता। सही समय और पर्याप्त अवधि (15-20 मिनट) ज़रूरी है।
2. सनस्क्रीन, कपड़े और चश्मे के कारण सूर्य की किरणें त्वचा तक नहीं पहुँच पातीं
आजकल ज़्यादातर लोग पूरे कपड़े, टोपी और सनस्क्रीन लगाते हैं। लेकिन सनस्क्रीन यूवी-बी किरणों को रोकती है, जिससे विटामिन डी के उत्पादन में रुकावट आती है। अगर सूर्य की किरणें सिर्फ़ चेहरे पर भी पड़ें, तो भी यह पर्याप्त नहीं है। सीधी धूप हाथ, पैर, गर्दन और पीठ पर पड़नी चाहिए।
3. धीमी अग्नि (पाचन शक्ति)
आयुर्वेद कहता है - "अग्नि: सर्वेषां शरीरिनां जीवनम्।" इसका मतलब है कि अगर पाचन शक्ति ठीक नहीं है, तो शरीर विटामिन डी को अवशोषित नहीं कर पाता। लगातार वात-पित्त असंतुलन, भोजन का गलत समय, ये सभी चीजें अवशोषण को कम करती हैं।
4. लिवर और किडनी का कार्य महत्वपूर्ण है
त्वचा में बनने वाला D3 पहले लिवर में जाता है, फिर किडनी में और सक्रिय रूप में परिवर्तित हो जाता है। अगर इन दोनों अंगों की कार्यक्षमता कम हो (फैटी लिवर, डिहाइड्रेशन, दवाओं आदि के कारण), तो शरीर विटामिन डी का उत्पादन करने के बाद भी उसका उपयोग नहीं कर पाता।
5. आहार पूरकों की कमी
विटामिन डी का अवशोषण घी में मौजूद कैल्शियम, फास्फोरस और वसा पर निर्भर करता है। अगर आहार में घी, दूध, आंवला और ग्वारपाठा जैसे खाद्य पदार्थ शामिल नहीं हैं, तो विटामिन डी प्राप्त होने पर भी यह शरीर में नहीं टिकता।
6. आयुर्वेदिक दर्शन
सूर्य का प्रकाश अग्नि है, अग्नि ही जीवन है सूर्य का प्रकाश केवल बाहरी प्रकाश नहीं है; यह शरीर में आंतरिक प्रकाश - अग्नि - को जागृत करता है। जब यह अग्नि मंद हो जाती है, तो हम चाहे जितना भी सूर्य देखें, विटामिन डी अवशोषित नहीं होता।
विटामिन डी क्यों आवश्यक है?
कैल्शियम और फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ती है। हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाने में मदद करता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। मूड, नींद और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है। थकान, दर्द और कुछ त्वचा संबंधी विकारों को कम करने में मदद करता है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
हर समय थकान महसूस होना
हड्डियों या जोड़ों में दर्द
बालों का झड़ना
मूड में उतार-चढ़ाव / अवसाद
कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
बार-बार सर्दी-ज़ुकाम
विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोत
सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत है। अगर आप सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच 15-20 मिनट धूप में रहते हैं, तो शरीर अपने आप विटामिन डी का उत्पादन करता है। सीधी धूप हाथों, चेहरे, गर्दन और पैरों तक पहुँचनी चाहिए।
आहार स्रोत
मांसाहारी/डेयरी उत्पाद
विटामिन डी
घी और मक्खन
दूध और दही (फोर्टिफाइड दूध)
अंडे (जर्दी)
मछली (सैल्मन, टूना, सार्डिन)
शाकाहारी स्रोत
धूप में सुखाए मशरूम
गेहूं के बीज का अर्क
आंवला का रस
घी/मक्खन
फोर्टिफाइड अनाज/दूध
ये तत्व शरीर को विटामिन डी प्रदान करते हैं या इसके अवशोषण में सुधार करते हैं।
धूप में सुखाए मशरूम
प्राकृतिक विटामिन डी का सबसे अच्छा शाकाहारी स्रोत। सुबह की धूप में 30-40 मिनट सुखाए हुए मशरूम को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। सूप, सब्ज़ी या स्टर-फ्राई में इस्तेमाल करें।



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Thu, Nov 13 , 2025, 03:26 PM