० विधानसभा में विधेयक एकमत से मंजूर
० निकाय चुनाव आगे बढ़ने की पूरी संभावना
० आरक्षण का मार्ग तलाशने का मिलेगा वक्त
महानगर संवाददाता, मुंबई। मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली सहित अन्य महानगरपालिका के चुनाव चार से पांच माह आगे टलने की पूरी संभावना है। सरकार ने सोमवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को राजनीतिक आरक्षण देने से संबंधित दो बिल विधानसभा में मंजूर किए गए। इन विधेयकों के मंजूर होने के बाद प्रभाग रचना का अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाएगा और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही राज्य चुनाव आयोग स्थानीय निकाय चुनाव कराने की घोषणा कर सकेगा। साथ ही राज्य सरकार जब तक प्रभाग रचना की रिपोर्ट चुनाव आयोग को नहीं देगी, तब तक राज्य चुनाव आयोग चुनाव घोषित नहीं कर सकता।
विधानसभा में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मुंबई महानगरपालिका, महानगरपालिका और महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नगरी संशोधन विधेयक 2022 तथा ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने महाराष्ट्र ग्राम पंचायत और महाराष्ट्र जिला परिषद व पंचायत समिति संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे एकमत से मंजूर कर लिया गया। भाजपा ने पहले ही इन विधेयकों को मंजूर कराने पर अपनी सहमति दे दी थी।
मध्यप्रदेश की तर्ज पर लाए गए इस विधेयक के अनुसार प्रभाग रचना, चुनाव की तारीख तय करने का अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाएगा। यह विधेयक मंजूर होने पर राज्य में ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण का लेकर जो समस्या पैदा हुई है, उसे हल करने का राज्य सरकार को कुछ समय मिल जाएगा। ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट करने की बात कही है। अब यह टेस्ट करने का समय मिल जाएगा और बिना ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के चुनाव नहीं हो पाएंगे। इस वजह से मुंबई, ठाणे, पुणे सहित अन्य महानगरपालिकाओं के चुनाव चार से पांच माह आगे टाले जा सकेंगे।
चुनाव टाले जाएंगे: फड़नवीस
पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि इस विधेयक से ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण का मार्ग प्रशस्त नहीं हुआ है, बल्कि सिर्फ चुनाव कुछ समय के लिए आगे टाले जाएंगे। इस बीच सरकार को इंपीरिकल डेटा एकत्रित करना होगा। इसके बाद अदालत में यह डेटा पेश कर अदालत के आदेश के अनुसार ओबीसी आरक्षण सहित चुनाव कराने होंगे। उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण के अनुसार चुनाव होने चाहिए, यह हमारा मत है। इस वजह से हमने इस बदलाव का समर्थन किया है।
प्रभाग रचना का काम सरकार करेगी
उन्होंने कहा कि नगर पालिका, पालिका, जिला परिषद की संपूर्ण प्रभाग रचना रद्द हो गई है। अब सरकार नए सिरे से प्रभाग रचना करेगी। इसके पहले सरकारी अधिकारी चुनाव कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर जाकर काम करते थे, अब यह काम सरकार ही करेगी। इसके बाद सरकार प्रभाग रचना की रिपोर्ट चुनाव आयोग को पेश करेगी। इसके बाद चुनाव होंगे। पहले प्रभाग रचना का अधिकार राज्य चुनाव आयोग करता था, अब यह अधिकार सरकार ने खुद ले लिया है।



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Mon, Mar 07 , 2022, 10:02 AM