Tulsi Vivah 2025: आज के पावन दिन पर आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं? मत करना कोई भूल-चूक!

Sun, Nov 02 , 2025, 09:30 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Tulsi Vivah: तुलसी विवाह भारत में मनाए जाने वाले सबसे पवित्र और शुभ त्योहारों में से एक है। यह दिन देवी तुलसी (पवित्र तुलसी) और भगवान विष्णु (शालिग्राम के रूप में) के दिव्य मिलन का प्रतीक है। यह पवित्र त्योहार भारत में शुभ विवाह के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और इसका गहरा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

तुलसी विवाह के दौरान आपको कुछ क्या करें और क्या न करें, ये हैं:
तुलसी विवाह पर क्या करें:

1. सही तिथि और मुहूर्त देखें: समारोह शुरू करने से पहले, तुलसी विवाह करने के लिए सही तिथि और शुभ समय जानने के लिए पंचांग देखें या किसी पुजारी से सलाह लें। सही समय पर पूजा करने से इसके आध्यात्मिक लाभ बढ़ जाते हैं।

2. तुलसी के पौधे को शुद्ध और सजाएँ: पूजा शुरू करने से पहले, तुलसी के गमले को अच्छी तरह साफ़ करें और उसे फूलों, आम के पत्तों और रंगोली से सजाएँ। कई भक्त तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह लाल साड़ी, चूड़ियाँ और आभूषण पहनाकर उसके दिव्य विवाह का प्रतीक बनाते हैं।

3. मंडप तैयार करें: जहाँ विवाह की रस्में होंगी, वहाँ एक छोटा मंडप या वेदी तैयार करें। तुलसी के पौधे के पास शालिग्राम (भगवान विष्णु का प्रतीक) या देवता की तस्वीर रखें, जो दिव्य जोड़े का प्रतीक हो।

4. पूजा विधि श्रद्धापूर्वक करें: दीया जलाएँ, देवताओं को हल्दी, कुमकुम, फूल और मिठाई अर्पित करें। अनुष्ठानों को श्रद्धा और विश्वास के साथ पूरा करने के लिए तुलसी और विष्णु मंत्र या गीत गाएँ।

5. प्रसाद बाँटें और ज़रूरतमंदों को भोजन कराएँ: पूजा पूरी करने के बाद, परिवार के सदस्यों और मेहमानों में प्रसाद बाँटें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गरीबों को भोजन कराने या दान-पुण्य करने से अपार आशीर्वाद मिलता है।

तुलसी विवाह पर क्या न करें:
1. बिना पवित्रता के पूजा करने से बचें: अनुष्ठान शुरू करने से पहले हमेशा पवित्र स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। यदि आप अस्वस्थ हैं या मांसाहारी भोजन कर चुके हैं तो पूजा करने से बचें।

2. द्वादशी के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें: एकादशी (द्वादशी) के अगले दिन तुलसी के पत्ते कभी न तोड़ें, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उस दिन तुलसी का पौधा विश्राम करता है। इसके बजाय, अनुष्ठान से एक दिन पहले पत्ते तोड़ने की सलाह दी जाती है।

3. नकारात्मक बातचीत से बचें: पूरे अनुष्ठान के दौरान शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण बनाए रखें। अनुष्ठान के दौरान क्रोध, कलह या किसी भी नकारात्मक बातचीत से बचें क्योंकि यह दिन ईश्वरीय प्रेम और पवित्रता को समर्पित है।

4. टूटे-फूटे बर्तनों या बासी प्रसाद का प्रयोग न करें: पूजा के दौरान हमेशा साफ बर्तनों और ताज़े फूलों का प्रयोग करें। मुरझाए हुए फूल, खराब भोजन या क्षतिग्रस्त वस्तुएँ चढ़ाने से बचें, क्योंकि इन्हें अशुभ माना जाता है।

5. शराब और मांसाहारी भोजन से परहेज करें: इस शुभ दिन पर, शराब, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। भोजन में शुद्धता बनाए रखना अनुष्ठान का एक अनिवार्य हिस्सा है।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups