नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने वंगा गोपाल रेड्डी की ओर से दायर उस याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों (Backward Classes) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण देने के तेलंगाना सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को तेलंगाना उच्च न्यायालय जाने का सुझाव दिया।
याचिका में स्थानीय निकाय चुनावों (Local Body Elections) में 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण लागू करने की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया गया था। याचिकाकर्ता ने तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) के उस पूर्व फैसले की आलोचना की थी जिसमें सरकार के आरक्षण संबंधी कदम को बरकरार रखा गया था। यह चुनौती सरकारी आदेश संख्या 9 के खिलाफ थी, जिसके माध्यम से तेलंगाना सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया था। इसके साथ ही, अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए मौजूदा 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को मिलाकर कुल आरक्षण 67 प्रतिशत हो गया। गोपाल रेड्डी ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए शीर्ष न्यायालय से उक्त सरकारी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाने का आग्रह किया और कहा कि चुनाव अधिसूचना जारी होने से "अपूरणीय क्षति" हो सकती है। पीठ ने हालांकि कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय मामले का गुण-दोष के आधार पर फैसला करे।



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Mon, Oct 06 , 2025, 08:17 PM