Prakash Mahajan's resignation: नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनावों (Maharashtra Navnirman Sena) के बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को बड़ा झटका लगा है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश महाजन (Prakash Mahajan) ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है और मनसे को 'जय महाराष्ट्र (Jai Maharashtra)' कहा है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर प्रकाश महाजन के नाखुश होने की चर्चा चल रही थी। इससे यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। आखिरकार गुरुवार को खबर आई कि उन्होंने मनसे प्रवक्ता पद से आधिकारिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि चुनावों की पृष्ठभूमि में इन घटनाक्रमों ने मनसे को हिलाकर रख दिया है। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रकाश महाजन आगे क्या फैसला लेंगे या पार्टी उन्हें मनाने की कोशिश करेगी।
मनसे के प्रकाश महाजन (MNS's Prakash Mahajan) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चुनावों के बीच राज ठाकरे को बड़ा झटका लगा है, उन्होंने कुछ दिन पहले अपनी नाराजगी जताई थी। उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करके इसे रोकने का फैसला किया है। दरअसल, मुझे गंगा के बोलने पर रुक जाना चाहिए था। मेरी कोई व्यक्तिगत अपेक्षाएँ नहीं थीं, किसी पद की कोई अपेक्षा नहीं थी। मुझे तो बस यही उम्मीद थी कि हिंदुत्व के विचार को आगे बढ़ाया जाए, लेकिन मुझे उपेक्षित महसूस हुआ, महाजन ने अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है। महाजन का मनसे से इस्तीफ़ा आगामी चुनावों में एक बड़ा झटका माना जा रहा है। प्रकाश महाजन मनसे के प्रवक्ता थे।
महाजन ने आख़िर क्या कहा?
मैं, प्रकाश महाजन, आपको अपना राजनीतिक परिचय नहीं देना चाहता। आज मैं इसीलिए आपके सामने आया हूँ। पिछले कुछ दिनों से मेरे मन में यह भावना आ रही थी कि हमें कहीं रुक जाना चाहिए। दरअसल, मुझे गंगा के बोलने पर रुक जाना चाहिए था। दरअसल, मुझे पहलगाम के समय रुक जाना चाहिए था। लेकिन उस समय मुझे लगा था कि कहीं न कहीं कुछ सुधार होगा। निजी तौर पर कहूँ तो यह मुझसे बहुत कम है। मैं चाहे किसी भी पार्टी में रहूँ, मुझे चुनाव टिकट की ज़रूरत नहीं थी। किसी पद की ज़रूरत नहीं थी। बस एक ही भावना थी कि हिंदुत्व के विचार को आगे बढ़ाया जाए। लेकिन थोड़ी सी भी उम्मीद के बावजूद, मुझे बहुत नज़रअंदाज़ किया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान मुझसे पूछा तक नहीं गया, विधानसभा चुनाव के दौरान मुझे प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया। मुझे जो ज़िम्मेदारी दी गई, मैंने उसे बहुत ईमानदारी से निभाया। मेरे काम की तारीफ़ नहीं की गई, फिर मुझसे कहा गया कि मैंने कोई गलती नहीं की है। मुझे उस पाप के लिए माफ़ी दे दी गई जो मैंने किया ही नहीं। असल में, मैं अमित ठाकरे का थोड़ा सा ही दोषी हूँ। मैंने छत्रपति संभाजीनगर की बैठक में उन्हें यह वचन दिया था, अमितजी, मैं आपके और आपके बेटे के साथ भी काम करूँगा। लेकिन दुर्भाग्य से स्थिति यहाँ तक आ गई है। मैं अपना दिया वचन नहीं निभा सकता। अमितजी, मुझे उम्मीद है आप मेरी बात समझेंगे। कभी-कभी इंसान को अपनी क्षमता के अनुसार वो नहीं मिलता जो सही होता है। मैं इसे भाग्य का हिस्सा मानता हूँ। मन के असंख्य सैनिकों ने मुझे सच्चे दिल से प्यार किया। बार-बार, वे अपनी पूरी शक्ति से मेरी मदद के लिए आए। मैं उन सभी मन के सैनिकों का आजीवन ऋणी रहूँगा। लेकिन मुझे लगता है कि हमें अब रुक जाना चाहिए। प्रकाश महाजन ने कहा, हमें कहीं न कहीं इस मानसिक स्थिति से बाहर आना चाहिए और इसीलिए मैंने आज रुकने का फैसला किया है।
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Sat, Sep 13 , 2025, 02:28 PM