Taste of Chocolates: जब हम चॉकलेट का एक टुकड़ा मुँह में डालते हैं, तो कभी उसका स्वाद मीठा लगता है, कभी मेवों जैसा, कभी कॉफ़ी जैसा या कभी बेरीज़ जैसा, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह अनोखा स्वाद आता कहाँ से है?
चॉकलेट सिर्फ़ एक मीठा व्यंजन नहीं है, बल्कि इसमें अलग-अलग स्वादों की एक अनोखी दुनिया समाई है। क्या आपने कभी गौर किया है कि कुछ चॉकलेट बहुत मीठी होती हैं, कुछ कड़वी, और कुछ में मेवे जैसा स्वाद? यह सब चॉकलेट बनाने की प्रक्रिया से आता है।
कोको बीन्स की किस्म और उत्पत्ति
चॉकलेट का स्वाद मुख्य रूप से कोको बीन्स से निर्धारित होता है। अलग-अलग क्षेत्रों में उगाई जाने वाली बीन्स अलग-अलग स्वाद देती हैं। उदाहरण के लिए, अफ़्रीकी बीन्स कड़वा और तीखा स्वाद देती हैं, जबकि दक्षिण अमेरिकी बीन्स में फल और मेवे जैसा स्वाद होता है।
किण्वन
बीन्स की कटाई के बाद, उन्हें किण्वित किया जाता है। इस प्रक्रिया से चॉकलेट का मूल स्वाद बनता है। लंबे समय तक किण्वन करने से थोड़ी कड़वाहट आती है, जबकि कम समय तक किण्वन करने से मीठा और हल्का स्वाद बना रहता है।
भूनना
कोको बीन्स को भूनने पर उनकी सुगंध और स्वाद बदल जाते हैं। हल्का भूनने पर फलों जैसा मीठा और नाज़ुक स्वाद आता है, जबकि ज़्यादा देर तक भूनने पर कड़वा और मेवे जैसा स्वाद आता है।
कंचिंग
यह एक विशेष प्रक्रिया है जिसमें कोको के मिश्रण को लगातार हिलाया और गर्म किया जाता है। इससे चॉकलेट मुलायम हो जाती है और स्वाद में मीठा या मेवे जैसा स्वाद आ जाता है।
अन्य सामग्री मिलाना
चॉकलेट में दूध, चीनी, मेवे या वनीला मिलाने पर स्वाद और भी अलग हो जाता है। उदाहरण के लिए, दूध मीठा और मलाईदार स्वाद देता है, जबकि डार्क चॉकलेट में चीनी कम होती है, जिससे यह ज़्यादा कड़वी हो जाती है।
तो अगली बार जब आप चॉकलेट खाएँ, तो सोचें कि इसकी मिठास, कड़वाहट या मेवे जैसा स्वाद कैसे आया, और याद रखें कि यह जादुई सफ़र कोको बीन्स से शुरू होता है!
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Sat, Sep 13 , 2025, 10:15 AM