ढाका। बंगलादेश के खुलना विश्वविद्यालय ने विभिन्न संस्थानों के नाम बदल दिए हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध रसायनज्ञ प्रफुल्ल चंद्र रे, भौतिक विज्ञानी जगदीश चंद्र बोस (Jagadish Chandra Bose) और कवि जीवनानंद दास के नाम हटा दिए गए हैं, जिसकी शिक्षकों और छात्रों ने कड़ी आलोचना की है। प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम सरकार के शिक्षा सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने पिछले सप्ताह ढाका में बीआरएसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान कहा कि वह इस निर्णय से निराश हैं। उन्होंने कहा कि हम बचपन से ही जगदीश चंद्र बोस के बारे में कहानियां सुनते आ रहे हैं। खुलना विश्वविद्यालय में उनके नाम पर इमारतें और प्रतिष्ठान थे, जिनके नाम बदल दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि “आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रॉय (Prafulla Chandra Roy) के नाम पर एक इमारत थी। कई अन्य प्रतिष्ठानों के नाम बदल दिए गए हैं। मैं इससे काफी निराश हूं।” महमूद ने कहा कि “यह मेरी कल्पना से परे है कि जगदीश चंद्र बोस के नाम पर बनी इमारत का नाम बदला जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र इसका समाधान निकालेंगे।”
बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की खुलना शहर इकाई ने भी इस निर्णय की आलोचना की। बीएनपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सहायक संगठन सचिव जयंत कुंडू (Jayanta Kundu) ने कहा कि “मैं खुलना विश्विद्यालय के कुलपति से पूछना चाहता हूं कि किसकी शक्ति से आपने लालन साईं, जीवनानंद दास, सत्येंद्रनाथ बोस और जगदीश चंद्र बोस के नाम हटाने की हिम्मत की। आज या कल, आपको इसका जवाब देना होगा।” प्रख्यात शिक्षाविद् और सोचेटन नागोरिक समिति (सोनक) खुलना के अध्यक्ष प्रोफेसर अनवारुल कादिर ने कहा कि “एक शब्द में कहें तो ऐसी घटना उनकी घटिया पसंद और घटिया मानसिकता को दर्शाती है। यह अविश्वसनीय है कि विश्वविद्यालय के शिक्षक ऐसी मानसिकता को सहन कर सकते हैं।”
यह निर्णय आठ फरवरी को आयोजित केयू सिंडिकेट की बैठक में लिया गया था। इसके बाद 12 फरवरी को बदलावों के संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया गया। सैयद नज़रुल इस्लाम प्रशासनिक भवन का नाम बदलकर विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति गुलाम रहमान के नाम पर रखा गया। इसी प्रकार राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का नाम बदलकर बीर श्रेष्ठ मोहम्मद रुहुल अमीन कर दिया गया। बंगामाता फाजिलतुन्नेसा हॉल का नाम बदलकर बिजय 24 हॉल कर दिया गया, सत्येंद्रनाथ बसु शैक्षणिक भवन का नाम बदलकर शैक्षणिक भवन-1, जगदीश चंद्र शैक्षणिक भवन का नाम बदलकर शैक्षणिक भवन-2, कवि जीवनानंद दास शैक्षणिक भवन का नाम बदलकर शैक्षणिक भवन-3 और जॉय बांग्ला भवन का नाम बदलकर शैक्षणिक भवन-4 कर दिया गया। इसके अलावा, शहीद ताजुद्दीन अहमद प्रशासनिक भवन का नाम बदलकर प्रशासनिक भवन कर दिया गया; सुल्ताना कामा जिम्नेजियम का नाम बदलकर खुलना विश्वविद्यालय जिम्नेजियम कर दिया गया तथा आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रॉय केंद्रीय प्रयोगशाला का नाम बदलकर खुलना विश्वविद्यालय केंद्रीय प्रयोगशाला कर दिया गया। वहीं शहीद बुद्धिजीवियों के नाम पर बने चार शिक्षक आवासों के नाम भी बदल दिए गए।
इस संदर्भ में बात करते हुए बंगलादेश प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष और खुलना विश्वविद्यालय के पूर्व कोषाध्यक्ष मोहम्मद मजहरुल हन्नान ने कहा कि “हमें विवादास्पद नामों के बारे में कोई शिकायत नहीं है। हालांकि, प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर रखे गए प्रतिष्ठानों के नाम बदलने का फैसला किसी भी परिस्थिति में विवेकपूर्ण नहीं है।” खुलना विश्वविद्यालय के सांख्यिकी अनुशासन छात्र और खुलना में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के सदस्य सचिव जहरुल तनवीर ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि “विभिन्न प्रतिष्ठानों के नाम बदलना बच्चे को कपड़े से लपेट कर बाहर फेंकने के समान है।” इस संदर्भ में खुलना विश्वविद्यालय के कुलपति मोहम्मद रेजाउल करीम ने कहा, “हमने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया। हमने बस वैसा ही नाम दिया जैसा पहले था। यह छात्रों की मांगों में से एक था। छात्रों की मांगों को लेकर एक समिति बनाई गई थी। यह मेरा अपना फैसला नहीं था। अगर छात्र चाहें तो मेरे दरवाजे हमेशा चर्चा के लिए खुले हैं।” उन्होंने आगे कहा, “कई लोग इसके लिए मुझे ही दोषी ठहरा रहे हैं, जो सही नहीं है। यह निर्णय सिंडिकेट ने लिया है। सिंडिकेट में कई जानकार लोग हैं, जिन्होंने यह निर्णय लिया है।”
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Mar 03 , 2025, 07:16 PM