वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी (coronavirus pandemic) के दौरान सरकारी सहायता भुगतान में फर्जी योजनाओं (fraudulent schemes) के परिणामस्वरूप 250 अरब डॉलर से अधिक की चोरी हुई। अमेरिकी सांसदों ने दो साल की जांच के बाद एक रिपोर्ट जारी कर यह जानकारी दी। एक ओर जहां पूरी दुनिया महामारी में मौत के मुहाने पर खड़ी थी, तो वहीं कुछ धोखेबाज देश की जड़ें खोखला कर रहे थे। देश के इन दुश्मनों को आपदा में लूट का बड़ा अवसर दिख रहा था।कोरोना वायरस महामारी पर सेलेक्ट सबकमिटी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, “धोखेबाजों ने संघीय सरकार की बेरोजगारी प्रणाली (unemployment system) का फायदा उठाकर और व्यक्तियों की व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी का फायदा उठाकर अमेरिकी करदाताओं से 191 अरब डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की।”
इसके अलावा, धोखेबाजों और अपराधियों ने तथाकथित ‘पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम’ का फायदा उठाकर अमेरिकी सरकार का कम से कम 64 अरब डॉलर धन चुरा लिया। इस प्रोग्राम के तहत अमेरिकियों को ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान किया जाता था और उसे माफ किया जा सकता था। यह धन वित्तीय सहायता के रूप में महामारी में उपयोग किया गया था।
छोटे व्यवसायों के समर्थन पर अपर्याप्त नियंत्रण के कारण अन्य दो करोड़ का नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर, 2019 को चीनी अधिकारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को देश के मध्य भाग (हुबेई प्रांत) के वुहान शहर में अज्ञात निमोनिया के प्रकोप के बारे में सूचित किया। जनवरी 2020 की शुरुआत में, चीन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि अज्ञात मूल के वायरल निमोनिया का प्रकोप एक नए प्रकार के कोरोना वायरस के कारण हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनोम गेब्रिएसस ने 11 मार्च, 2020 को घोषणा की कि नए कोरोना वायरस का प्रसार महामारी की तरह होता है।



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