जयपुर: राजस्थान में आगामी 13 नवंबर को होने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल, विपक्ष कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के नेता एवं सांसद राजकुमार रोत सहित कई नेताओं की राजनीतिक एवं चुनावी साख दांव पर लगी है।
हालांकि इस उपचुनाव में भाजपा को केवल सलूंबर सीट को बरकरार रखने का दबाव रहेगा जबकि कांग्रेस पर झुंझुनूं, देवली-उनियारा, दौसा और रामगढ़ सीटों को बरकरार रखने का दबाव होगा। इसी तरह खींवसर से रालोपा एवं चौरासी से बाप को अपनी सीट को बरकरार रखने का दबाव होगा। ऐसे में उपचुनाव में कांग्रेस पर अपनी सीटें जीतने का दबाव अधिक रहेगा मगर भाजपा के सत्ता में होने के कारण उस पर जीत का दबाव अन्य पार्टियों से ज्यादा रहेगा।
भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस उपचुनाव में उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं हैं लेकिन अगर उनकी सत्ता में होते हुए भी वे उपचुनाव नहीं जीतते हैं तो यह उनकी राजनीतिक साख में गिरावट होगी और इससे राज्य सरकार की साख भी प्रभावित होगी। उपचुनाव में प्रदेश के मुखिया के नाते मुख्यमंत्री शर्मा, प्रदेश में भाजपा के मुखिया मदन राठौड़, प्रभारी के रुप में अग्रवाल, भाई के चुनाव मैदान में होने से कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा, अलवर से सांसद होने के नाते केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की राजनीतिक एवं चुनावी साख दांव पर है।
इसी तरह कांग्रेस के नेता गहलोत की पार्टी के वरिष्ठ नेता होने एवं डोटासरा की प्रदेश कांग्रेस के मुखिया, रंधावा की प्रदेश प्रभारी होने तथा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की नेता प्रतिपक्ष एवं अलवर जिले से होने, झुंझुनूं सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला, दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा, टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद हरीश मीणा की चुनावी साख दांव पर है। कांग्रेस के इन नेताओं के अलावा श्री पायलट की भी इस उपचुनाव में राजनीतिक साख दांव पर है क्योंकि दौसा उनका गृह जिला आता है और वह टोंक से विधायक भी है।
इसके अलावा नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की भी खींवसर में उपचुनाव के कारण उनकी राजनीतिक साख दांव पर है। खींवसर में उनका और उनके परिवार का वर्ष 2008 से लगातार राजनीतिक दबदबा कायम है वहीं डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत की भी चौरासी उपचुनाव के कारण राजनीतिक साख दांव पर लगी है। हाल में हरियाणा में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद राजस्थान उपचुनाव के लिए वह उत्साहित नजर आ रही है और उनके नेता सभी सातों सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस के नेता भी उपचुनाव में अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं से बृजेन्द्र सिंह ओला, खींवसर से हनुमान बेनीवाल, देवली उनियारा से हरीश मीणा, दौसा से मुरारी लाल मीणा, चौरासी से राजकुमार रोत के सांसद चुने जाने के बाद विधायक पद से इस्तीफा देने एवं सलूंबर से भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा एवं रामगढ़ से कांग्रेस विधायक जुबैर खान के निधन से ये सीटे खाली हुई और अब इन पर उपचुनाव कराया जा रहा है।



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Sun, Oct 20 , 2024, 06:10 PM