UP Politics: एमपी-छत्तीसगढ़, राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा! मायावती की लोकसभा चुनाव को लेकर योजना तैयार

Tue, Aug 15 , 2023, 02:14 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

लखनऊ: मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बसपा अकेले चुनाव मैदान में जाएगी। बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) ने सोमवार को इसका ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि इन तीनों राज्यों में असली मुद्दे गरीबों, बेरोजगारों, किसानों व महिलाओं का ‘त्रस्त जीवन(troubled life)’ है। इन्हीं मुद्दों पर बसपा अकेले दम पर चुनाव में उतरेगी। बसपा मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव लड़ती आ रही है। पिछली बार पार्टी ने राजस्थान में छह और मध्य प्रदेश में दो सीटें जीती थीं। इनमें ज्यादातर प्रत्याशी ऐसे थे, जो दूसरी पार्टियों से आए थे। जातीय समीकरण फिट बैठने पर वे जीते और बाद में उन्हीं पार्टियों में लौट गए।
इसके बाद उन्हें रोकने के लिए मायावती ने बीती जुलाई में यह भी कहा था कि बैलेंस ऑफ पावर बनने पर बसपा सरकार में शामिल हो सकती है। यानी चुनाव बाद गठबंधन के भी संकेत दिए थे, लेकिन अब बसपा ने यह घोषणा कर दी है कि वह अकेले चुनाव लड़ेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने किया ऐलान
मायावती ने सोशल नेटवर्किंग साइट पर सिलसिलेवार बयान जारी किए। उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश सरकार में 50% कमिशनखोरी के आरोप को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। मुकदमों आदि की राजनीति से कमरतोड़ महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, शोषण-अत्याचार आदि जनहित से जुड़े ज्वलंत मुद्दों का चुनाव के समय पीछे छूट जाना कितना उचित है? ऐसा क्यों?' मायावती ने यह भी कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है। मायावती ने कहा कि इसके मद्देनजर उम्मीदवारों के नाम भी स्थानीय स्तर पर घोषित किए जा रहे हैं। पार्टी को भरोसा है कि वह अच्छे परिणाम हासिल करेगी।
एनबीटी लेंस - क्या है इसके पीछे की वजह?
एमपी और राजस्थान में बसपा को अक्सर कुछ सीटें मिलती रही हैं। हालांकि, जीते उम्मीदवार बाद में पार्टी छोड़कर सरकार में शामिल हो जाते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि मायावती इस बार प्री-पोल एलायंस पर विचार कर सकती हैं। हालांकि, उन्होंने इस तरह की किसी भी उम्मीद को सिरे से खारिज करते हुए अकेले ही चुनाव मैदान में जाने का फैसला कर लिया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो मायावती अभी लोकसभा चुनाव के पहले के संभावित गठबंधन पर पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं। लिहाजा, वह पांच राज्यों के प्रस्तावित विधानसभा चुनावों तक इंतजार करेंगी। अगर इन राज्यों के परिणाम विपक्ष के पक्ष में आते हैं तो स्थितियों का फिर से आकलन होगा। अन्यथा की सूरत में गठबंधन के विकल्प को खारिज किया जा सकता है।

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