Four Years of Article 370: PDP को श्रीनगर में रैली की इजाजत नहीं, SC में 8 अगस्त को फिर सुनवाई!

Sat, Aug 05 , 2023, 11:24 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

श्रीनगर: आज जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) को निरस्त किए जाने के 4 साल पूरे हो गए हैं. साल 2019 में 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने संसद में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से 370 हटाने की घोषणा की थी. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देता था.अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी वर्षगांठ (fourth anniversary) की पूर्व संध्या पर PDP के कई नेताओं को पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में लिया.
दरअसल, पीडीपी आज श्रीनगर में एक रैली आयोजित करना चाहती थी, जिसकी इजाजत डीजीपी ने नहीं दी. वहीं दूसरी ओर, चार साल बाद, सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दूसरे दिन गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पूछा कि संविधान सभा की अनुपस्थिति में प्रावधान को कैसे रद्द किया जा सकता है? मामले में सुनवाई 8 अगस्त को फिर शुरू होगी.
अनुच्छेद 370 की चौथी वर्षगांठ पर लेटेस्ट अपडेट
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने शुक्रवार को कहा कि श्रीनगर प्रशासन ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की चौथी वर्षगांठ पर पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
महबूबा महबूबा मुफ्ती ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा ‘@JmuKmrPolice 5 अगस्त की पूर्व संध्या पर पीडीपी नेताओं को हिरासत में क्यों ले रही है? इस वीडियो में आरिफ लैगरू को पुलिस ले गई है.’ वीडियो में कथित तौर पर एक पीडीपी नेता को पुलिस वाहन में ले जाते हुए दिखाया गया है.
अनुच्छेद 370 से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सामान्य प्रश्न-
जम्मू कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 का मसौदा किसने तैयार किया?

अनुच्छेद 370 को भारतीय संविधान के भाग XXI में ‘अस्थायी, परिवर्तनकारी और विशेष प्रावधान’ नाम से तैयार किया गया था. लॉ कॉर्नर के अनुसार, ‘डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार करने के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने मंत्रिमंडल के एक सदस्य, एन. गोपालस्वामी अयंगर को यह काम करने के लिए कहा.
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के क्या निहितार्थ हैं?
अनुच्छेद 370, जम्मू-कश्मीर को अपना संविधान,  अलग ध्वज और ‘रक्षा, विदेशी मामलों और संचार’ के अलावा सभी मुद्दों पर स्वतंत्रता की अनुमति देता था. भारत सरकार के अनुसार, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, ‘ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पूरी तरह से राष्ट्र की मुख्यधारा में एकीकृत हो गए हैं.’ परिणामस्वरूप, भारत के संविधान में निहित सभी अधिकार और सभी केंद्रीय कानूनों का लाभ जो देश के अन्य नागरिकों को मिल रहा था, अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं.

 

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