जयपुर 02 अगस्त (वार्ता)। राजस्थान (Rajasthan) की पन्द्रहवीं विधानसभा के अष्टम सत्र के आखिरी दिन हंगामें के बीच पांच विधेयक ध्वनिमत से पारित किए गए। सदन में विपक्ष भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सदस्य लाल डायरी एवं विधायक मदन दिलावर के सदन से निलंबन के मामले को लेकर हंगामा कर रहे थे और इस बीच राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक-2023 को ध्वनिमत से पारित किया गया। इससे पहले प्रारम्भ में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना (Udayalal Anjana) ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया, जिस पर चर्चा में विधायक बलवान पूनियां ने भाग लिया और किसानों के सहकारिता बैंकों के अलावा अन्य बैंकों के ऋण भी माफ करने की मांग की। उन्होंने इस विधेयक का समर्थन किया। इसी तरह विधायक जगदीश चन्द्र ने भी चर्चा में भाग लेते हुए इसका समर्थन किया। इसके बाद सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
इसी तरह हंगामें के बीच ही राजस्थान विद्युत (शुल्क) विधेयक- 2023 ध्वनिमत से पारित किया गया। प्रारम्भ में प्रभारी मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया, जिस पर चर्चा में भाग लेते हुए विधायक बलवान पूनियां ने कहा कि बिजली के छोटे एवं बड़े दोनों उपभोक्ताओं में सम्मान व्यवहार किए जाने की मांग की। उन्होंने ढ़ाणियों के लंबित घरेलू बिजली कनेक्शन शीघ्र देने की भी मांग की।
इसके बाद सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
इसी प्रकार महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक - 2023 को ध्वनिमत से पारित किया गया। प्रारम्भ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया, जिस पर चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
विधानसभा में हंगामे के बीच ही राजस्थान अभिधृति (संशोधन) विधेयक-2023 को ध्वनिमत से पारित किया गया। प्रारम्भ में राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया, जिस पर चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।
इसी तरह नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक-2023 को भी ध्वनिमत से पारित किया गया। प्रारम्भ में देवस्थान मंत्री शकुन्तला रावत ने विधेयक को सदन में विचारार्थ प्रस्तुत किया, जिसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।



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Wed, Aug 02 , 2023, 04:24 AM